भरतपुर. नगर निगम की अनदेखी के कारण शहर में गटर खाली करने वाले टैंकर संचालक जमकर मुनाफा कमाने में लगे हुए है. शहर में भारी संख्या में गटर साफ करने के टैंकर संचालित हैं. जिनका नगर निगम में कोई भी रजिस्ट्रेशन नहीं है. ये टैंकर धड़ल्ले से शहर में काम कर रहे है. जहां मर्जी आता है, वहां टैंकर को खाली कर देते है. इतना ही नहीं कभी जीवनदायिनी कही जाने वाली सुजान गंगा नहर को टैंकर संचालकों ने गटर खाली करने का स्थान बना रखा है.
रात के अंधेरे में टैंकर संचालक चुपचाप सुजान गंगा नहर में टैंकर खाली कर जाते हैं. जबकि राज्य सरकार सुजान गंगा नहर की सफाई के लिए बड़े-बड़े प्रोजेक्ट प्लान कर रही है, लेकिन चंद मुनाफे के लिए टैंकर संचालक एतिहासिक सुजान नहर को प्रदूषित करने में कोई कमी नहीं छोड़ रही.
वहीं जब इस बारे में नगर निगम की आयुक्त नीलिमा तक्षक से बात की, तो वे इस मामले से कटती नजर आई. उन्होंने बताया कि नगर निगम में करीब 2 प्राइवेट टैंकर संचालकों ने रजिस्ट्रेशन करवा रखा है.
इसके अलावा एक ओर जहां प्राइवेट टैंकर चालक प्रदूषण फैला रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नगर निगम के सरकारी कार्यालय का भी जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं. सुरजपोल चौराहे पर स्थित नगर निगम के अग्निशमन कार्यालय पर प्राइवेट टैंकर खड़े रहते हैं और सरकारी कार्यालय की दीवारों पर उनके विज्ञापन भी छपे हुए हैं. जबकि इस सरकारी कार्यालय में कर्मचारी रहते हैं और वे इनसे मिली भगत के चलते इस पर कोई गौर नहीं करते.
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वहीं बात करे नगर निगम के मल वाहन की, तो वह निगम कार्यालय में जंग खा रही है. क्योंकि कर्मचारी अपने कमीशन के चक्कर में कोई भी बहाना बनाकर सरकारी रसीद नहीं काट कर प्राइवेट टैंकर्स को काम पर भेज देते हैं और दोनों मिल बांट कर मुनाफा बांट लेते हैं. अब देखने वाली बात होगी कि कब नगर निगम प्रशासन इस धांधली पर रोक लगा पाएगा.