भरतपुर. गुर्जर समाज के लोगों ने बैठक के दौरान सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि सरकार से वार्ता करने के लिए गुर्जर समाज के 41 लोगों की एक कमेटी जयपुर जाएगी. यदि वार्ता के दौरान सरकार गुर्जर समाज की मांगों को मान लेती है तो 1 नवंबर को होने वाला आंदोलन स्थगित कर दिया जाएगा. यदि मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो पूरा समाज एकजुट होकर आंदोलन करेगा.
गुर्जर नेता श्रीराम बैंसला ने बताया कि 80 गांव के गुर्जर समाज के लोगों की बैठक हुई. चूंकि सरकार बार-बार गुर्जर समाज को जयपुर वार्ता के लिए बुला रही है. ऐसे में सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि सामाजिक सौहार्द, दिवाली का त्योहार और कोरोना महामारी को देखते हुए आंदोलन पर जाने से पहले एक बार समाज की 41 सदस्यीय एक कमेटी सरकार की मंत्रिमंडल की कमेटी के साथ वार्ता करे. गुर्जर नेता श्रीराम बैंसला ने बताया कि सरकार से वार्ता को लेकर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से बात करके यह निर्णय लिया गया है.
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श्रीराम बैंसला ने कहा कि यदि सरकार गुर्जर समाज की मांगों को मान लेती है तो आंदोलन को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के माध्यम से स्थगित करवा दिया जाएगा. यदि सरकार समाज की मांगों को नहीं मानती है तो पूरा समाज कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के साथ एकजुट होकर 1 नवंबर से पीलूपुरा से आंदोलन करेगा.
एक तरफ जहां गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह से बात करने के बाद सरकार से वार्ता करने की बात कह रहे हैं. वहीं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनका बेटा विजय बैंसला अभी भी वार्ता करने के बजाए 1 नवंबर से सीधे आंदोलन के लिए मैदान में उतरने की बात पर अड़े हुए हैं. गुर्जर समाज की इन बैठकों और महापंचायत के दौर की बात करें तो इन सभी आयोजनों से अभी भी गुर्जर समाज के नेता हिम्मत सिंह पालड़ी और उनका धड़ा दूरी बनाए हुए है.
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गौरतलब है कि गुर्जर समाज अपनी मांगों को लेकर 1 नवंबर से पीलूपुरा से आंदोलन करने की चेतावनी दे चुका है. इसके बाद सरकार ने गुर्जर समाज के लिए तीन घोषणाएं की थी, जिनको कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला, बेटा विजय बैंसला और समाज के अन्य लोगों ने ठुकरा दिया था. लेकिन अब भरतपुर जिले के 80 गांव के गुर्जर समाज का एक धड़ा सरकार से वार्ता करने के लिए राजी हो गया है. इस दौरान भरतपुर पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर आ गया है और बयाना में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसटीएफ की पांच गाड़ियों का जाब्ता तैनात किया है.