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CAA संविधान के मौलिक ढांचे के खिलाफ : यशवंत सिन्हा

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा महाराष्ट्र के अकोला के 70 किसानों के साथ गांधी शांति यात्रा के तहत भरतपुर पहुंचे. इस दौरान सिन्हा ने सीएए और एनआरसी को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह कानून संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है.

Yashwant Sinha's statement on CAA, भरतपुर न्यूज
गांधी शांति यात्रा पर भरतपुर पहुंचे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा
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Published : Jan 25, 2020, 8:46 PM IST

भरतपुर. भाजपा छोड़ चुके पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा महाराष्ट्र के अकोला के 70 किसानों के साथ गांधी शांति यात्रा के तहत शनिवार शाम को भरतपुर पहुंचे. केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ गांधी शांति यात्रा निकाल रहे पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने नागरिक संशोधन कानून (CAA) और NRC को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा.

गांधी शांति यात्रा पर भरतपुर पहुंचे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा

उन्होंने कहा कि यह कानून संविधान के मौलिक ढांचे के खिलाफ है. इस कानून के माध्यम से समाज को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि गलत है.देशभर में CAA और NRC को लेकर हो रहे जगह-जगह विरोध प्रदर्शनों के बारे में पूर्व मंत्री सिन्हा ने कहा कि जब सरकार ही गलत नीतियों पर चलेगी और दमन की नीति अपनाएगी तो विरोध तो होगा ही.

साथ ही उन्होंने CAA के विरोध की तीन मुख्य वजह गिनाई. इनमें सबसे पहले उन्होंने कहा कि यह कानून हमारे संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है, क्योंकि हमारा संविधान धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव बरतने की इजाजत नहीं देता. दूसरी वजह उन्होंने बताया कि जब पहले से ही देश में नागरिकता देने का कानून है तो इसमें नया कानून लाने की जरूरत ही नहीं थी. तीसरी वजह उन्होंने बताई कि इसमें ऐसी शर्तें रखी गई हैं, जिन को पूरा कर पाना संभव नहीं है.

पढ़ें- CAA के खिलाफ राजस्थान विधानसभा में संकल्प पारित, केरल और पंजाब के बाद राजस्थान तीसरा राज्य

साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह कानून 10 जनवरी को लागू कर दिया था, लेकिन हकीकत में अभी तक इसके नियम ही नहीं बने हैं. ऐसे में बिना नियमों के कानून लागू करना गलत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार CAA की आड़ में देश को धार्मिक आधार पर बाटकर चुनावी लाभ उठाना चाहती है. साथ ही आर्थिक और अन्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है.

देश के आर्थिक हालात डांवाडोल

पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश के आर्थिक हालात डांवाडोल है. गांधी शांति यात्रा पर उनके साथ महाराष्ट्र के अकोला के करीब 70 किसान चल रहे हैं. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की बीते 5-6 साल की गलत आर्थिक नीतियों के चलते आज देश की अर्थव्यवस्था काफी नाजुक स्थिति में है. नोटबन्दी ने देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. उन्होंने कहा कि देश का किसान और नौजवान परेशान है. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा.

भाजपा का चरित्र बदल गया इसलिए पार्टी छोड़ दी

भाजपा छोड़ने के पीछे की वजह के बारे में पूछने पर पूर्व मंत्री सिन्हा ने कहा कि जिस भाजपा को मैं जानता था, उसकी तुलना में इस भाजपा का चरित्र पूरी तरह से बदल चुका था. सबसे पहले पार्टी के भीतर का लोकतंत्र खत्म हुआ. उससे देशभर में प्रजातंत्र के ऊपर खतरा पैदा हो गया. इसलिए पार्टी से अलग होकर प्रजातंत्र की लड़ाई लड़ना तय किया.

पढ़ें- कांग्रेस अब भाजपा और मोदी के साथ ही देश के भी विरोध में हो गई है : वासुदेव देवनानी

गौरतलब है कि 9 जनवरी को मुंबई से शुरू की गई गांधी शांति यात्रा 30 जनवरी तक बबारडोली, साबरमती, पोरबंदर, भरतपुर, आगरा आदि स्थानों से होते हुए दिल्ली में समाप्त होगी. यह यात्रा 5 राज्यों से होकर गुजरेगी.

भरतपुर. भाजपा छोड़ चुके पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा महाराष्ट्र के अकोला के 70 किसानों के साथ गांधी शांति यात्रा के तहत शनिवार शाम को भरतपुर पहुंचे. केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ गांधी शांति यात्रा निकाल रहे पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने नागरिक संशोधन कानून (CAA) और NRC को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा.

गांधी शांति यात्रा पर भरतपुर पहुंचे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा

उन्होंने कहा कि यह कानून संविधान के मौलिक ढांचे के खिलाफ है. इस कानून के माध्यम से समाज को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि गलत है.देशभर में CAA और NRC को लेकर हो रहे जगह-जगह विरोध प्रदर्शनों के बारे में पूर्व मंत्री सिन्हा ने कहा कि जब सरकार ही गलत नीतियों पर चलेगी और दमन की नीति अपनाएगी तो विरोध तो होगा ही.

साथ ही उन्होंने CAA के विरोध की तीन मुख्य वजह गिनाई. इनमें सबसे पहले उन्होंने कहा कि यह कानून हमारे संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है, क्योंकि हमारा संविधान धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव बरतने की इजाजत नहीं देता. दूसरी वजह उन्होंने बताया कि जब पहले से ही देश में नागरिकता देने का कानून है तो इसमें नया कानून लाने की जरूरत ही नहीं थी. तीसरी वजह उन्होंने बताई कि इसमें ऐसी शर्तें रखी गई हैं, जिन को पूरा कर पाना संभव नहीं है.

पढ़ें- CAA के खिलाफ राजस्थान विधानसभा में संकल्प पारित, केरल और पंजाब के बाद राजस्थान तीसरा राज्य

साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह कानून 10 जनवरी को लागू कर दिया था, लेकिन हकीकत में अभी तक इसके नियम ही नहीं बने हैं. ऐसे में बिना नियमों के कानून लागू करना गलत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार CAA की आड़ में देश को धार्मिक आधार पर बाटकर चुनावी लाभ उठाना चाहती है. साथ ही आर्थिक और अन्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है.

देश के आर्थिक हालात डांवाडोल

पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश के आर्थिक हालात डांवाडोल है. गांधी शांति यात्रा पर उनके साथ महाराष्ट्र के अकोला के करीब 70 किसान चल रहे हैं. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की बीते 5-6 साल की गलत आर्थिक नीतियों के चलते आज देश की अर्थव्यवस्था काफी नाजुक स्थिति में है. नोटबन्दी ने देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. उन्होंने कहा कि देश का किसान और नौजवान परेशान है. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा.

भाजपा का चरित्र बदल गया इसलिए पार्टी छोड़ दी

भाजपा छोड़ने के पीछे की वजह के बारे में पूछने पर पूर्व मंत्री सिन्हा ने कहा कि जिस भाजपा को मैं जानता था, उसकी तुलना में इस भाजपा का चरित्र पूरी तरह से बदल चुका था. सबसे पहले पार्टी के भीतर का लोकतंत्र खत्म हुआ. उससे देशभर में प्रजातंत्र के ऊपर खतरा पैदा हो गया. इसलिए पार्टी से अलग होकर प्रजातंत्र की लड़ाई लड़ना तय किया.

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गौरतलब है कि 9 जनवरी को मुंबई से शुरू की गई गांधी शांति यात्रा 30 जनवरी तक बबारडोली, साबरमती, पोरबंदर, भरतपुर, आगरा आदि स्थानों से होते हुए दिल्ली में समाप्त होगी. यह यात्रा 5 राज्यों से होकर गुजरेगी.

Intro:भरतपुर.
भाजपा छोड़ चुके पूर्व वित्त एवं विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा महाराष्ट्र के अकोला के 70 किसानों के साथ गांधी शांति यात्रा के तहत शनिवार शाम को भरतपुर पहुंचे। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ गांधी शांति यात्रा निकाल रहे पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने नागरिक संशोधन कानून (CAA) एवं NRC को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कानून संविधान के मौलिक ढांचे के खिलाफ है। इस कानून के माध्यम से समाज को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है जो कि गलत है।


Body:देशभर में CAA और NRC को लेकर हो रहे जगह-जगह विरोध प्रदर्शनों के बारे में पूर्व मंत्री सिन्हा ने कहा कि जब सरकार ही गलत नीतियों पर चलेगी और दमन की नीति अपनाएगी तो विरोध तो होगा ही।
उन्होंने CAA के विरोध की तीन मुख्य वजह गिनाई। इनमें सबसे पहले उन्होंने कहा कि यह कानून हमारे संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है क्योंकि हमारा संविधान धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव बरतने की इजाजत नहीं देता। दूसरी वजह उन्होंने बताया कि जब पहले से ही देश में नागरिकता देने का कानून है तो इसमें नया कानून लाने की जरूरत ही नहीं थी। तीसरी वजह उन्होंने बताई कि इसमें ऐसे शर्ते रखी गई है जिन को पूरा कर पाना संभव नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह कानून 10 जनवरी को लागू कर दिया। लेकिन हकीकत में अभी तक इसके नियम ही नहीं बने हैं। ऐसे में बिना नियमों के कानून लागू करना गलत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार CAA की आड़ में देश को धार्मिक आधार पर बैठकर चुनावी लाभ उठाना चाहती है। साथ ही आर्थिक व अन्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है।

देश के आर्थिक हालात डांवाडोल
पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश के आर्थिक हालात डांवाडोल है। गांधी शांति यात्रा पर उनके साथ महाराष्ट्र के अकोला के करीब 70 किसान चल रहे हैं। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की बीते 5 - 6 साल की गलत आर्थिक नीतियों के चलते आज देश की अर्थव्यवस्था काफी नाजुक स्थिति में है। नोटबन्दी ने देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि देश का किसान और नौजवान परेशान है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा।

भाजपा का चरित्र बदल गया इसलिए पार्टी छोड़ दी
भाजपा छोड़ने के पीछे की वजह के बारे में पूछने पर पूर्व मंत्री सिन्हा ने कहा कि जिस भाजपा को मैं जानता था उसकी तुलना में इस भाजपा का चरित्र पूरी तरह से बदल चुका था। सबसे पहले पार्टी के भीतर का लोकतंत्र खत्म हुआ। उससे देशभर में प्रजातंत्र के ऊपर खतरा पैदा हो गया। इसलिए पार्टी से अलग होकर प्रजातंत्र की लड़ाई लड़ना तय किया।


Conclusion:गौरतलब है कि 9 जनवरी को मुंबई से शुरू की गई गांधी शांति यात्रा 30 जनवरी तक बबारडोली, साबरमती, पोरबंदर, भरतपुर, आगरा आदि स्थानों से होते हुए दिल्ली में समाप्त होगी। यह यात्रा 5 राज्यों से होकर गुजरेगी।

विजुअल - यशवंत सिन्हा, पूर्व वित्त एवं विदेश मंत्री
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