भरतपुर. केंद्रीय आम बजट 1 फरवरी 2021 को पेश होने वाला है. जिले के किसानों को भी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. ईटीवी भारत ने भरतपुर के किसानों से मिलकर जाना कि वो केंद्र के आम बजट से क्या उम्मीद रखते हैं. विशेष बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि राजस्थान में चकबंदी कानून, समर्थन मूल्य की सख्ती से पालना जैसे कई नियमों की सख्त जरूरत है, जो कि किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगे.
भरतपुर के किसान व्यापारी रघुवीर टीकैत ने कहा कि हर बार केंद्रीय बजट में किसानों को मायूसी ही हाथ लगती है. कहने को सरकार ने किसानों के अनाज खरीद के लिए समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया है, लेकिन हकीकत में मंडियों में किसानों को अपने अनाज का वाजिब दाम नहीं मिल पाता है. यहां तक कि निर्धारित समर्थन मूल्य से आधी कीमत में किसानों का अनाज बिक पाता है. ऐसे में केंद्र के आम बजट में सरकार को किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए समर्थन मूल्य निर्धारित करने और उसकी सख्ती से पालना करने के लिए कानून बनाने की घोषणा करनी चाहिए. रघुवीर टिकैत ने कहा कि इन्हीं सारी मांगों को लेकर देश का किसान बीते करीब 2 महीने से केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी कर रहा है.
लुट रहा किसान
किसान रघुवीर ने बताया कि हकीकत यह है कि किसान आज की तारीख में बाजार और मंडी में आकर लुट रहा है. सरकार ने बाजरे का समर्थन मूल्य 2105 रुपए निर्धारित किया है, लेकिन हकीकत में मंडी में किसान से बाजरा 1250 में खरीदा जा रहा है. ऐसे में किसान को नुकसान उठा कर अपना अनाज बेचना पड़ रहा है. इसके पीछे की वजह यही है कि सरकार की ओर से कोई सख्त कानून नहीं बनाया गया है और ना ही नियमों की पालना हो रही है. आने वाले बजट में इन सभी चीजों का ध्यान रखकर घोषणा करने की आवश्यकता है.
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किसानों के दुख दर्द समझकर करें घोषणा
किसान रघुवीर ने बताया कि सरकार ने यूरिया तो नहीं बढ़ा है लेकिन जो यूरिया का कट्टा पहले 50 किलो का था, उसकी मात्रा घटाकर 45 किलो कर दिया. ऐसे में यूरिया अपने आप ही किसान के लिए महंगा हो गया. इसी तरह राजस्थान में पेट्रोल और डीजल के दाम भी आसमान छू रहे हैं, जिसका सीधा असर किसान की खेती पर पड़ रहा है. एक किसान की खेती में प्रति बीघा 10 हजार रुपए की लागत आती है और आमदनी कम होती है. ऐसे में किसान के लिए खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है. इसलिए केंद्रीय बजट में सरकार को किसान के दुख दर्द को ध्यान में रखकर घोषणा करनी चाहिए. साथ ही सरकार को आयोग और कमेटी में किसान का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान और व्यापारियों को भी शामिल करना चाहिए, जिससे की सरकार को हकीकत पता चल सके.
चकबंदी कानून बने
किसान भीम सिंह ने बताया कि राजस्थान के किसान के पास जमीन कम और टुकड़ों में हो गई है. एक किसान की जमीन अलग-अलग जगह पर होने की वजह से वह ना तो सरकार की योजनाओं का फायदा उठा पाता है और ना ही बेहतर तरीके से खेती कर पाता है, इसलिए केंद्रीय बजट में राजस्थान के किसानों के लिए चकबंदी कानून बनाए जाने की घोषणा की जानी चाहिए.
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किसान को पेट्रोल डीजल पर मिले अनुदान
किसान भीम सिंह ने बताया कि आज की तारीख में पूरे देश भर में पेट्रोल और डीजल के दाम राजस्थान में सर्वाधिक हैं, इसलिए केंद्र सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले बजट में किसानों के लिए पेट्रोल और डीजल पर 50 फीसदी अनुदान की घोषणा की जानी चाहिए, जिससे कि किसान आसानी से खेती कर सके और खेती से जुड़ा रह सके.
कीमत बढ़ रही, माल घट रहा
किसान बदन सिंह ने बताया कि ना तो किसानों को अपने अनाज का सही मूल्य मिल पा रहा है और ना ही सही कीमत में खाद बीज उपलब्ध हो रहा है. बदन सिंह ने बताया कि सरकार खाद बीज की मात्रा लगातार घटाई जा रही है और उसकी कीमत में बढ़ोतरी कर रही है, इससे किसान को काफी आर्थिक भार पड़ रहा है. किसान बदन सिंह ने केंद्र के आम बजट में किसानों को फायदा पहुंचाने वाली घोषणाएं करने की उम्मीद जताई.