भरतपुर. अगर आपके पास यदि व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम या फिर ईमेल के माध्यम से डाक विभाग की क्विज और सर्वे का मैसेज आया (Fake message in the name of India Posts) है, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह मैसेज फर्जी है. सोशल मीडिया के माध्यम से इन दिनों डाक विभाग के सर्वेक्षण व प्रश्नोत्तरी के नाम से आ रहे संदेशों को डाक विभाग ने फर्जी बताया है. फर्जी मैसेज के जरिए क्विज व सर्वेक्षण जीतने वाले को जो सब्सिडी व पुरस्कार की बात कही जा रही है, वह झूठी है.
भरतपुर के प्रधान डाकघर के अधीक्षक आरपी कुशवाह ने बताया कि भारतीय डाक ऐसी किसी भी गतिविधि सब्सिडी, बोनस या सर्वेक्षण के आधार पर पुरस्कार आदि की घोषणा में शामिल नहीं है. डाक विभाग ने सोशल मीडिया के जरिए ऐसा कोई अभियान नहीं चलाया है. विभाग ने आमजनता को सचेत रहने के लिए कहा है. डाक विभाग ने लोगों को ऐसे मैसेज से सावधान रहने की अपील की है. वे इस तरह के नकली व फर्जी मैसेज पर विश्वास नहीं करें, मैसेज का कोई जवाब नहीं दें.
ऐसे संदेश के झांसे में आकर अपना कोई व्यक्तिगत विवरण पहचान योग्य जानकारी जन्म तिथि, खाता संख्या, मोबाइल नंबर, जन्म स्थान और ओटीपी आदि साझा नहीं करें. हालांकि भारतीय डाक विभाग विभिन्न रोकथाम तंत्रों के माध्यम से इन यूआरएल, लिंक्स, वेबसाइटों को हटाने के लिए आवश्यक कार्यवाही कर रहा है. साथ ही डाक विभाग ने ट्वीट करके इन क्विज व सर्वेक्षणों को फर्जी बताया है. अधीक्षक कुशवाह ने बताया कि डाक विभाग इन फर्जी संदेशों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटा है.