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प्रदेश सरकार की कमेटी और डायरेक्टर आशुतोष गोवरिकर के बीच बैठक, फिल्म पानीपत से महाराजा सूरजमल के विवादित सीन को हटाने का निर्णय

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Published : Dec 11, 2019, 7:28 PM IST

फिल्म पानीपत को लेकर चल रहे विवाद के बाद बुधवार को सरकार की कमेटी और डायरेक्टर आशुतोष गोवरिकर के बीच बैठक हुई, जिसमें फिल्म में से महाराजा सूरजमल के विवादित सीन को हटाने का निर्णय लिया गया है. वहीं, जाट समाज के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर फिल्म से विवादित सीन नहीं हटाया जाएगा तो आंदोलन जारी रहेगा.

फिल्म पानीपत से हटेगा विवादित सीन, Film panipat dispute case
फिल्म पानीपत से महाराजा सूरजमल के विवादित सीन को हटाने का निर्णय

भरतपुर. फिल्म पानीपत को लेकर चल रहे विवाद के बाद बुधवार को सरकार की कमेटी और डायरेक्टर आशुतोष गोवरिकर के बीच बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि फिल्म में महाराजा सूरजमल का जो भी विवादित सीन है उसे फिल्म से हटाया जाएगा. वहीं, जाट समाज के नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर फिल्म से विवादित सीन नहीं हटाया गया तो यह आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही अब डायरेक्टर को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा.

फिल्म पानीपत से महाराजा सूरजमल के विवादित सीन को हटाने का निर्णय

बता दें कि फिल्म में विवादित सीन को लेकर विगत दिनों भरतपुर में भी महाराजा सूरजमल के चौदहवीं पीढ़ी के वंशज मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने फिल्म का जोरदार विरोध किया था. जिसके बाद जयपुर में सरकार की कमेटी और फिल्म के डायरेक्टर के बीच मीटिंग की गई और फिल्म से विवादित सीन हटाने का निर्णय लिया गया. वहीं, इस फैसले के बाद जाट समाज के लोगों में खुशी है.

पढ़ें- पानीपत फिल्म विवाद के बाद विकिपीडिया पर महाराजा सूरजमल के व्यक्तित्व को किया गया अपडेट, पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

उधर, ट्रैफिक चौराहे के पास बानी सूरजमल की मूर्ति पर जाट समाज के लोगों ने खुशी जाहिर की और महाराजा सूरजमल की मूर्ति पर माला चढ़ाकर आतिशबाजी की. इस दौरान जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने कहा कि महाराजा सूरजमल की मूर्ति से हमने इस फिल्म का विरोध शुरू किया था और यह विरोध पूरे देश में फैल गया. उन्होंने कहा कि सरकार और डायरेक्टर के बीच हुई मीटिंग में विवादित सीन को हटाने पर रजामंदी बनी है, जिसका पूरा समाज स्वागत करता है.

वहीं, जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने चेतावनी देते हुए कहा कि इतिहास के महापुरुषों के खिलाफ छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि डायरेक्टरों ने एक पेशा बना रखा है, लोकप्रियता हासिल करने के लिए महापुरुषों का अपमान करते हैं. उन्होंने कहा कि इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

भरतपुर. फिल्म पानीपत को लेकर चल रहे विवाद के बाद बुधवार को सरकार की कमेटी और डायरेक्टर आशुतोष गोवरिकर के बीच बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि फिल्म में महाराजा सूरजमल का जो भी विवादित सीन है उसे फिल्म से हटाया जाएगा. वहीं, जाट समाज के नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर फिल्म से विवादित सीन नहीं हटाया गया तो यह आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही अब डायरेक्टर को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा.

फिल्म पानीपत से महाराजा सूरजमल के विवादित सीन को हटाने का निर्णय

बता दें कि फिल्म में विवादित सीन को लेकर विगत दिनों भरतपुर में भी महाराजा सूरजमल के चौदहवीं पीढ़ी के वंशज मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने फिल्म का जोरदार विरोध किया था. जिसके बाद जयपुर में सरकार की कमेटी और फिल्म के डायरेक्टर के बीच मीटिंग की गई और फिल्म से विवादित सीन हटाने का निर्णय लिया गया. वहीं, इस फैसले के बाद जाट समाज के लोगों में खुशी है.

पढ़ें- पानीपत फिल्म विवाद के बाद विकिपीडिया पर महाराजा सूरजमल के व्यक्तित्व को किया गया अपडेट, पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

उधर, ट्रैफिक चौराहे के पास बानी सूरजमल की मूर्ति पर जाट समाज के लोगों ने खुशी जाहिर की और महाराजा सूरजमल की मूर्ति पर माला चढ़ाकर आतिशबाजी की. इस दौरान जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने कहा कि महाराजा सूरजमल की मूर्ति से हमने इस फिल्म का विरोध शुरू किया था और यह विरोध पूरे देश में फैल गया. उन्होंने कहा कि सरकार और डायरेक्टर के बीच हुई मीटिंग में विवादित सीन को हटाने पर रजामंदी बनी है, जिसका पूरा समाज स्वागत करता है.

वहीं, जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने चेतावनी देते हुए कहा कि इतिहास के महापुरुषों के खिलाफ छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि डायरेक्टरों ने एक पेशा बना रखा है, लोकप्रियता हासिल करने के लिए महापुरुषों का अपमान करते हैं. उन्होंने कहा कि इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Intro:भरतपुर-11-12-2019
एंकर- फ़िल्म पानीपत को लेकर चल रहा विवाद के बाद आज सरकार की कमेटी और डायरेक्टर आशुतोष गावरिकर के बीच बैठक हुई जिसमें तय किया गया कि फ़िल्म में जो भी महाराजा सूरजमल का विवादित सीन है उसे फ़िल्म से हटाया जाएगा। वही भरतपुर में जाट समाज के नेताओ ने ये चेतावनी भी दी है कि अगर फ़िल्म में से विवादित सीन नही हटा तो ये आंदोलन जारी रहेगा। और अब डायरेक्टर को भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा। 
फ़िल्म में विवादित सीन को लेकर विगत दिनों भरतपुर में भी महाराजा सूरजमल के चौदवीं पीढ़ी के वंशज मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने भी फ़िल्म का जोरदार विरोध किया था। जिसके बाद आज जयपुर में सरकार की कमेटी और फ़िल्म के डायरेक्टर आशुतोष गावरिकर की तरफ से मीटिंग की गई जिसमें तय हुआ कि फ़िल्म में से विवादित सीन हटाये जाएंगे।
इस फैसले के बाद जाट समाज के लोगों में खुशी है। आज भरतपुर में ट्रैफिक चौराहे के पास बानी सूरजमल की मूर्ति पर जाट समाज के लोगों ने खुशी जाहिर की। और महाराजा सुरजमल की मूर्ति पर माला चढ़ाकर आतिशबाजी की। 
  इस दौरान जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने कहा कि महाराजा सूरजमल की मूर्ति से हमने इस फ़िल्म का विरोध शुरू किया था। और ये विरोध पूरे देश मे फैल गया। जिसके चलते जाट समाज और अन्य समाज की फ़िल्म के डायरेक्टर ने ताकत देख ली। सरकार और डायरेक्टर के बीच बात हुई है। और फ़िल्म में से विवादित सीन को हटाने पर रजामंदी बनी है जिसका पूरा समाज स्वागत करता है।
 इसके अलावा जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने चेतावनी देते हुए कहा कि इतिहास के महापुरुषों के खिलाफ छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नही की जाएगी। फ़िल्म पद्मावत का विरोध भी सबसे भरतपुर से शुरू हुआ था। और अब फ़िल्म पानीपत का भी विरोध भरतपुर से किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर ये पहल सकारात्मक रहती है तो ठीक है और अगर ये पहल सकारात्मक नही रहती तो हम पानीपत का चौथा युद्ध लड़ेंगे। जिसके लिए वे तैयार रहे।
उन्होंने कहा कि डायरेक्टरों ने एक पेशा बना रखा है। लोकप्रियता हासिल करने के लिए महापुरुषों का अपमान करते है। इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा। और भरतपुर की सीमा में किसी भी फ़िल्म के हीरो या डायरेक्टर को घुसने नही दिया जाएगा। 
बाइट- नेम सिंह फौजदार, जाट नेता


Body:फ़िल्म पानीपत से हटेगा महाराजा सूरजमल का विवादित सीन।


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