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19 साल बाद जिंदा हुआ भरतपुर का महेश! कोई मानने को ही तैयार नहीं, जानें क्या है मामला

भरतपुर के महेश 24 साल के हैं. 5 बरस के थे तब इनकी मौत हो गई थी (Mahesh Of Bharatpur Is Alive). 19 साल बाद लौटे हैं तो कोई मानने को ही तैयार नहीं कि साहब सिंह के बेटे महेश चंद जिंदा है. मामला कागज का है. क्या है ये अजब गजब 'कागज की कहानी' आइए जानते हैं...

Death On Papers
19 साल बाद जिंदा हुआ भरतपुर का महेश!
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Published : Aug 3, 2022, 1:09 PM IST

Updated : Aug 3, 2022, 7:39 PM IST

भरतपुर. कागज की कहानी फिल्म सरीखी ही है. सालों पहले पिता को जहर देकर मार दिया गया फिर 5 साल के मासूम बच्चे का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया गया. वसीयत हड़पने के लिए सारा कुचक्र अपनों ने ही रच डाला. 19 साल पहले फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर युवक की पूरी वसीयत ही हड़प ली. अब युवक खुद को जीवित साबित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहा है. पीड़ित ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

अफसर को बताई दास्तां: सेवर थाना क्षेत्र के गांव श्रीनगर निवासी महेश चंद (पुत्र साहब सिंह) ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर बीना महावर को ज्ञापन दिया है (Death On Kaagaz ). जिसमें अपने अपनों का कच्चा चिट्ठा खोला है. लिखा है कि उसके चाचा धर्म सिंह (पुत्र रामजीलाल), ताऊ का लड़का वीर सिंह पुत्र बच्चों, राम भरोसे पुत्र गोवर्धन, धीरज और शिवलहरी शर्मा ने पिता की मौत के बाद वर्ष 2003 में उसका (महेश चंद का) फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया और उसकी पूरी जायदाद हड़प ली.

19 साल बाद जिंदा हुआ भरतपुर का महेश!

महेश चंद के दस्तावेजों से पता चलता है कि उसका जन्म 1998 में हुआ था (Death On Papers). दूधमुंहा ही था जब पिता की मौत हो गई. फिर महेश चंद जब 5 साल का ही था तो वर्ष 2003 में उसके परिजनों ने उसके खिलाफ यह षड्यंत्र रचा. कथित तौर पर मासूम महेश को बंदी बनाकर रखा गया. हर जगह पहरा बैठा दिया गया. 2016 में महेश ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा भी पास की.

पढ़ें-जमीन पर कब्जा कराने जयपुर आई भरतपुर की गैंग, 7 बदमाश हथियारों के साथ गिरफ्तार

अपनों की नजरों के बीच पला बढ़ा: महेश के मुताबिक उस पर स्कूल जाते समय भी पूरी निगरानी रखी जाती थी. पीड़ित महेश ने बताया कि सरकार की ओर से उसे दिव्यांग कोटे की पेंशन भी मिलती थी लेकिन आरोपियों ने वो भी बंद करवा दी. कहता है कि बड़ी मुश्किल से उनके चंगुल से निकलकर अपनी पत्नी और मां के साथ दूसरी जगह रह रहा हूं. भरतपुर शहर में एक दुकान पर काम कर रहा हूं. पीड़ित महेश ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर बीना महावर से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और खुद का जीवित प्रमाण पत्र बनवा कर सरकार की सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है.

भरतपुर. कागज की कहानी फिल्म सरीखी ही है. सालों पहले पिता को जहर देकर मार दिया गया फिर 5 साल के मासूम बच्चे का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया गया. वसीयत हड़पने के लिए सारा कुचक्र अपनों ने ही रच डाला. 19 साल पहले फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर युवक की पूरी वसीयत ही हड़प ली. अब युवक खुद को जीवित साबित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहा है. पीड़ित ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

अफसर को बताई दास्तां: सेवर थाना क्षेत्र के गांव श्रीनगर निवासी महेश चंद (पुत्र साहब सिंह) ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर बीना महावर को ज्ञापन दिया है (Death On Kaagaz ). जिसमें अपने अपनों का कच्चा चिट्ठा खोला है. लिखा है कि उसके चाचा धर्म सिंह (पुत्र रामजीलाल), ताऊ का लड़का वीर सिंह पुत्र बच्चों, राम भरोसे पुत्र गोवर्धन, धीरज और शिवलहरी शर्मा ने पिता की मौत के बाद वर्ष 2003 में उसका (महेश चंद का) फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया और उसकी पूरी जायदाद हड़प ली.

19 साल बाद जिंदा हुआ भरतपुर का महेश!

महेश चंद के दस्तावेजों से पता चलता है कि उसका जन्म 1998 में हुआ था (Death On Papers). दूधमुंहा ही था जब पिता की मौत हो गई. फिर महेश चंद जब 5 साल का ही था तो वर्ष 2003 में उसके परिजनों ने उसके खिलाफ यह षड्यंत्र रचा. कथित तौर पर मासूम महेश को बंदी बनाकर रखा गया. हर जगह पहरा बैठा दिया गया. 2016 में महेश ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा भी पास की.

पढ़ें-जमीन पर कब्जा कराने जयपुर आई भरतपुर की गैंग, 7 बदमाश हथियारों के साथ गिरफ्तार

अपनों की नजरों के बीच पला बढ़ा: महेश के मुताबिक उस पर स्कूल जाते समय भी पूरी निगरानी रखी जाती थी. पीड़ित महेश ने बताया कि सरकार की ओर से उसे दिव्यांग कोटे की पेंशन भी मिलती थी लेकिन आरोपियों ने वो भी बंद करवा दी. कहता है कि बड़ी मुश्किल से उनके चंगुल से निकलकर अपनी पत्नी और मां के साथ दूसरी जगह रह रहा हूं. भरतपुर शहर में एक दुकान पर काम कर रहा हूं. पीड़ित महेश ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर बीना महावर से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और खुद का जीवित प्रमाण पत्र बनवा कर सरकार की सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है.

Last Updated : Aug 3, 2022, 7:39 PM IST
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