कामां (भरतपुर). कामां क्षेत्र के जीवनदाता कहे जाने वाले गुड़गांवा कैनाल में पिछले लंबे समय से मृत गोवंश पानी के साथ बहकर आ रहे हैं. जिसके चलते गौ सेवकों सहित प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. लेकिन, सिंचाई विभाग के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहे हैं, जिसे लेकर लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
गौ सेवक निरंजन शर्मा ने बताया कि हरियाणा से जब-जब गुड़गांवा कैनाल में पानी छोड़ा जाता है तब तब मृतक गोवंशओं का बहकर आने का सिलसिला जारी हो जाता है. जिसके तहत शनिवार सुबह राहगीरों ने सूचना दी कि गुड़गांवा कैनाल में नंदेरा बास के पास आसूका पुल पर कुछ गोवंश मृत अवस्था में बहकर आए हैं, जिनके हाथ पैर रस्सियों से बंधे हुए हैं. जिसके बाद गौ सेवक मौके पर पहुंचे. उन्होंने देखा करीब एक दर्जन गोवंश मृत अवस्था में हाथ पैर बंधे हुए पानी में बह कर आ रहे थे. जिसके बाद स्थानीय प्रशासन को मौके से सूचना दे दी गई.
बता दें कि सूचना के बाद भी शनिवार शाम होने तक प्रशासन की तरफ से मृत गोवंशों को नहर से निकालकर दफनाने की कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई. जिसके बाद रविवार शाम को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. जिसमें करीब 1 दर्जन मृत गोवंशों को निकाला गया , शेष रहे गोवंशों को निकालने के लिए सोमवार सुबह फिर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. जिसके तहत मृत गोवंशों को निकालकर दफनाने की प्रक्रिया जारी की गई.
थानाधिकारी धर्मेश दायमा ने बताया कि कामां क्षेत्र की गुड़गांवा कैनाल में जब जब पानी आता है पानी के साथ-साथ मृत गोवंश आते हैं जो प्रशासन के लिए बेहद परेशानी उत्पन्न करते हैं. मृत गोवंश को रोकने के लिए हरियाणा सीमा में अगर सिंचाई विभाग द्वारा जाल लगा दिया जाए तो यह हरियाणा सीमा में ही रुक जाएंगे और राजस्थान में आने वाले मृत गोवंश से आए दिन होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी.
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हरियाणा सीमा पर जाल लगाने की मांग
गुड़गांवा कैनाल में जब-जब पानी आता है पानी के साथ-साथ मृत गोवंश बहकर आते हैं. जिसे रोकने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रशासन से गुड़गांवा कैनाल पर जाल लगाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे और जानबूझकर अनजान बने हुए हैं. सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ आम जनता भी बेहद परेशान हैं.
पानी में मृत गोवंश रहने से होती है बदबू उत्पन्न
पानी में बहकर मृत गोवंश आने से उन्हें कुत्ते, चील, कौवे द्वारा नोचा जाता है. जिस कारण पानी में वह और फूल जाते हैं और आसपास के ग्रामीणों को बदबू के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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कई वर्षों से लगातार आ रहे मृत गोवंश.
कई वर्षों से मृत गोवंश पानी के साथ बहकर हरियाणा सीमा से राजस्थान सीमा में आ जाते हैं लेकिन प्रशासन आज तक इस बारे में पुख्ता जानकारी नहीं जुटा पाया है कि यह गोवंश आते कहां से हैं. कुछ लोगों का कहना है कि गौ तस्कर गौ तस्करी के लिए गोवंश को ले जाते हैं और पुलिस दबाव के चलते मृत गोवंशओं को कैनाल में डाल देते हैं जिस कारण पानी के साथ यह बेहकर राजस्थान सीमा में आ जाते हैं.
पालिका के सहयोग से चलाया जाता रेस्क्यू ऑपरेशन
कैनाल में जब-जब मृत गोवंश निकल कर आते हैं तो मान नगर पालिका का सहयोग लिया जाता है. जिसमें पालिका की जेसीबी सहित पालिका के सफाई कर्मचारी मौके पर पहुंचते हैं और गुडगामा कैनाल से रस्सियों से बांधकर मृत गोवंशों को किनारे पर लाया जाता है. जिसके बाद जेसीबी की सहायता से उन्हें बाहर निकाल कर विधिवत रूप से गौ सेवकों द्वारा दाह संस्कार किया जाता है.
प्रशासन को करना पड़ता है विरोध का सामना
जब-जब गोवंश पानी के साथ बहकर आते हैं तो प्रशासन को ग्रामीणों और गौ सेवकों के विरोध का सामना करना पड़ता है. जिसका कारण प्रशासन के पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन नहीं होना है. लोगों का कहना है कि अगर सिंचाई विभाग की ओर से राजस्थान सीमा पर जाल लगवा दिया जाए तो यह मृत गोवंश हरियाणा सीमा में ही रुक जाएंगे और राजस्थान सीमा में प्रशासन सहित आमजन को होने वाली असुविधा से निजात मिलेगी.