भरतपुर. जिले के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत रहे प्रेम शंकर शर्मा ने अपनी तीनों बेटियों को बेटों की तरह पाला. ईश्वर ने प्रेम शंकर शर्मा को कोई बेटा नहीं दिया. लेकिन बेटियों ने ही अपने माता पिता को बेटों से बढ़कर प्यार दिया. शनिवार को प्रेम शंकर शर्मा का निधन हो गया. तीनों बेटियों ने कंधा देकर पिता को श्मशान तक पहुंचाया और छोटी बेटी शैलजा ने उन्हें मुखाग्नि दी.
बेटी श्वेता ने बताया कि प्रेम शंकर शर्मा का 19 अप्रैल को आगरा में स्टोन का ऑपरेशन कराया और उसी दौरान वो कोरोना की चपेट में आ गए, जिसके कारण उनकी मौत हो गई. बेटी श्वेता ने बताया कि भरतपुर से पहले वो बांसवाड़ा बिजली विभाग में कार्यरत थे और उसी दौरान उनका एक्सीडेंट में ब्रेन डैमेज हो गया था. बाद में अहमदाबाद में उपचार करने पर दो माह बाद स्वस्थ हो पाए.
पढ़ें- पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ राजस्थान कांग्रेस का सोशल मीडिया पर हल्ला बोल
पहले मां, तो अब पिता का निधन
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के रहने वाले प्रेम शंकर शर्मा की पत्नी और तीनों बेटियों की मां वीणा का एक साल पहले निधन हो गया था. तब भी तीनों बेटियों ने ही अपनी मां को मुखाग्नि दी थी. प्रेम शंकर की बेटी श्वेता और तनु की शादी हो चुकी है. जबकि सबसे छोटी बेटी शैलजा यूरोप में नौकरी करती है. शैलजा अपने पिता के काफी करीब थी, इसलिए शैलजा ने ही अपने पिता को मुखाग्नि दी.