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भरतपुर : निजी अस्पताल में कोरोना उपचार की दरें होंगी तय...मरीजों से अधिक रुपए वसूले तो होगी कार्रवाई

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Published : May 10, 2021, 8:17 PM IST

जिले में कोविड़ संक्रमितों के उपचार के लिए अधिक राशि वसूलने वाले निजी चिकित्सालयों की अब खैर नहीं. शिकायत मिलने पर ऐसे निजी चिकित्सालय के खिलाफ अब सीज करने की कार्रवाई भी की जा सकती है. इतना ही नहीं जल्द ही कोविड उपचार के लिए निजी अस्पतालों में दरें निर्धारित करने के लिए सरकार जल्द ही नियम भी बनाने जा रही है.

Corona treatment rates will be decided in private hospitals
निजी अस्पताल में कोरोना उपचार की दरें होंगी तय

भरतपुर. जिले के उन निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी जो कोरोना के इलाज के बहाने मोटा मुनाफा कमाने पर जोर लगाएंगे. चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता को निर्देश दिया है कि जिन निजी चिकित्सालयों के खिलाफ अधिक राशि वसूलने अथवा अन्य सेवाओं के नाम पर राशि प्राप्त करने की शिकायत मिलती है तो उनकी जांच प्रशासनिक अधिकारियों से कराई जाये.

यदि जांच में निजी चिकित्सालय दोषी पाया जाता है तो उसे सीज करने जैसी कार्यवाही करें. ये निजी चिकित्सालय चाहे कितने भी बड़े रसूखदार क्यों न हों, उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाये.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया कि निजी चिकित्सालयों को उनकी मांग के अनुरूप ऑक्सीजन और रेमडीसिवर इंजेक्शन मुहैया कराये जा रहे हैं. यदि ऑक्सीजन व इंजेक्शनों का कहीं दुरुपयोग की शिकायत मिले, तो उसकी भी जांच कराकर चिकित्सालय के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाए.

पढ़ें-राजस्थान में सख्त लॉकडाउन: ये नियम भूलकर भी ना तोड़ें, जानिए पाबंदियों के बीच कहां-कहां रहेगी छूट

डाॅ गर्ग ने बताया कि राज्य सरकार शीघ्र ही निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में कोविड़ रोगियों की उपचार की दरें निर्धारित करने जा रही है. इन दरों से अधिक राशि वसूलने वाले निजी चिकित्सालयों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जायेगी.

गौरतलब है कि बीते दिनों पीएम रिलीफ फंड के वेंटिलेटर से जिंदल हॉस्पिटल द्वारा मरीजों से मोटी कमाई करने की बात सामने आई थी, जिसके बाद चिकित्सा राज्यमंत्री ने जिला कलेक्टर को यह निर्देश जारी किए हैं.

भरतपुर. जिले के उन निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी जो कोरोना के इलाज के बहाने मोटा मुनाफा कमाने पर जोर लगाएंगे. चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता को निर्देश दिया है कि जिन निजी चिकित्सालयों के खिलाफ अधिक राशि वसूलने अथवा अन्य सेवाओं के नाम पर राशि प्राप्त करने की शिकायत मिलती है तो उनकी जांच प्रशासनिक अधिकारियों से कराई जाये.

यदि जांच में निजी चिकित्सालय दोषी पाया जाता है तो उसे सीज करने जैसी कार्यवाही करें. ये निजी चिकित्सालय चाहे कितने भी बड़े रसूखदार क्यों न हों, उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाये.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया कि निजी चिकित्सालयों को उनकी मांग के अनुरूप ऑक्सीजन और रेमडीसिवर इंजेक्शन मुहैया कराये जा रहे हैं. यदि ऑक्सीजन व इंजेक्शनों का कहीं दुरुपयोग की शिकायत मिले, तो उसकी भी जांच कराकर चिकित्सालय के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाए.

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डाॅ गर्ग ने बताया कि राज्य सरकार शीघ्र ही निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में कोविड़ रोगियों की उपचार की दरें निर्धारित करने जा रही है. इन दरों से अधिक राशि वसूलने वाले निजी चिकित्सालयों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जायेगी.

गौरतलब है कि बीते दिनों पीएम रिलीफ फंड के वेंटिलेटर से जिंदल हॉस्पिटल द्वारा मरीजों से मोटी कमाई करने की बात सामने आई थी, जिसके बाद चिकित्सा राज्यमंत्री ने जिला कलेक्टर को यह निर्देश जारी किए हैं.

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