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भरतपुर का दर्द: मरूभूमि का सिंहद्वार अब अवैध हथियारों का बना प्रवेश द्वार!

पूर्वी राजस्थान के सिंहद्वार भरतपुर (Bharatpur) को मानो नजर लग गई है. खूबियों की वजह से पहचाना जाने वाला जिला अब खामियों को लेकर अकसर चर्चा में रहता है. इन दिनों अवैध हथियारों (Illegal Arms) की मंडी के कारण नकारात्मक छवि (Negative Image Of ) का शिकार हो रहा है.

Bharatpur
भरतपुर का दर्द
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Published : Oct 3, 2021, 1:10 PM IST

भरतपुर: जिले (Bharatpur) में अवैध हथियारों का कारोबार शबाब पर है. न केवल पड़ोसी राज्यों से अवैध असलहे (Illegal Arms) आयात हो रहे हैं बल्कि मेवात (Mewat) क्षेत्र में कई फैक्ट्रियां भी संचालित हो रही हैं. कौड़ियों के भाव में पड़ोसी राज्यों से लाए जाने वाले ये हथियार जिले का सुकून छीन रहे हैं.

भरतपुर का दर्द

सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इन घातक हथियारों में हो रहे इजाफे का सबब क्या है? क्या लोग शौक के लिए इन्हें अपना पसंद कर रहे हैं या फिर अवैध हथियारों का सीधा सीधा संबंध अपराध से है. पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ें तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि बढ़ते अपराध का सीधा संबंध असलहों में दिन प्रतिदिन होती बढ़ोतरी से ही है.

ये भी पढ़ें-Special: मध्यप्रदेश से मारवाड़ में आ रहे अवैध हथियार, शहर की फिजा में घोल रहे 'अशांति' का जहर

जनवरी से अब तक 114 अवैध हथियार बरामद
पुलिस विभाग के आंकड़ों की मानें तो इस वर्ष जनवरी से अब तक पूरे जिले भर में अलग-अलग जगह से 114 अवैध हथियार (bharatpur illegal arms), 208 कारतूस, 11 चाकू और 3 तलवार बरामद किए गए हैं. इनमें से अधिकतर हथियार अवैध कट्टा, बंदूक और पिस्टल थे. इतना ही नहीं अवैध हथियार रखने और इनके द्वारा अपराध करने के आरोप में 147 अपराधी गिरफ्तार किए गए. जबकि 132 मामले दर्ज हुए. पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि जिले में बीते महीनों में अवैध हथियार और अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान भी चलाया गया, जिसमें काफी उत्साहजनक सफलता मिली.

पड़ोसी राज्यों से पहुंच रहे अवैध हथियार
पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि भरतपुर जिले में अधिकतर अवैध हथियार उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के भिंड, मुरैना एवं अन्य जिलों से यहां तक लाए जाते हैं. वहीं बीते बरसों की कार्रवाईयों पर नजर डालें तो जिले के मेवात क्षेत्र में भी अवैध हथियार बनाने की कई फैक्ट्रियां पकड़ी गई, जिससे साफ साबित होता है कि जिले के मेवात क्षेत्र में भी चोरी छुपे अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं.
ये भी पढ़ें- भरतपुर में नारकोटिक्स की बड़ी कार्रवाई, 1 करोड़ कीमत की 500 किलो गांजा जब्त...दो हिरासत में

तो, इसलिए लाये जाते हैं हथियार!
सोशल मीडिया (Social Media) पर खुद को बीस साबित करने की जिद्द कहें या फिर इसे फिल्मों का साइड इफेक्ट (Side Effect) कहें, आंकड़े बताते हैं कि भरतपुर में हथियार बड़े ऐहतराम से संजो कर रखे जा रहे हैं. वैसे पुलिस मानती है कि एक अहम वजह युवाओं में हथियार रखने का बढ़ता क्रेज भी (Craze For Weapons) है.

इस पर मुहर हथियारों के लाइसेंस (bharatpur illegal arms) लेने के लिए भारी मात्रा में आ रहे आवेदन लगा रहे हैं. ऐसे में तर्क ये दिया जा रहा है कि जिन्हें हथियारों का लाइसेंस नहीं मिलता, वो अपना शौक पूरा करने या फिर किसी वारदात को अंजाम देने के लिए पड़ोसी राज्यों का सहारा ले रहे हैं. सो वहां से अवैध हथियार चोरी छुपे यहां लाए जा रहे हैं.

वारदातें बताती हैं कि कहानी शौक से आगे बढ़ चुकी है. पिछले दिनों कई ऐसे अपराध हुए जिनके अपराधी जब गिरफ्त में आए तो अवैध हथियारों की बरामदगी (bharatpur illegal arms) भी की गई. जिनमें से डॉक्टर दंपती हत्याकांड सबसे चर्चित रहा. 28 मई को हुई वारदात में आरोपी अनुज गुर्जर और उसके मामा के लड़के महेश गुर्जर ने शहर के काली बगीची क्षेत्र में दिनदहाड़े गाड़ी सवार डॉक्टर दंपती डॉ. सुदीप गुप्ता और पत्नी डॉ. सीमा गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

भरतपुर: जिले (Bharatpur) में अवैध हथियारों का कारोबार शबाब पर है. न केवल पड़ोसी राज्यों से अवैध असलहे (Illegal Arms) आयात हो रहे हैं बल्कि मेवात (Mewat) क्षेत्र में कई फैक्ट्रियां भी संचालित हो रही हैं. कौड़ियों के भाव में पड़ोसी राज्यों से लाए जाने वाले ये हथियार जिले का सुकून छीन रहे हैं.

भरतपुर का दर्द

सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इन घातक हथियारों में हो रहे इजाफे का सबब क्या है? क्या लोग शौक के लिए इन्हें अपना पसंद कर रहे हैं या फिर अवैध हथियारों का सीधा सीधा संबंध अपराध से है. पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ें तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि बढ़ते अपराध का सीधा संबंध असलहों में दिन प्रतिदिन होती बढ़ोतरी से ही है.

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जनवरी से अब तक 114 अवैध हथियार बरामद
पुलिस विभाग के आंकड़ों की मानें तो इस वर्ष जनवरी से अब तक पूरे जिले भर में अलग-अलग जगह से 114 अवैध हथियार (bharatpur illegal arms), 208 कारतूस, 11 चाकू और 3 तलवार बरामद किए गए हैं. इनमें से अधिकतर हथियार अवैध कट्टा, बंदूक और पिस्टल थे. इतना ही नहीं अवैध हथियार रखने और इनके द्वारा अपराध करने के आरोप में 147 अपराधी गिरफ्तार किए गए. जबकि 132 मामले दर्ज हुए. पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि जिले में बीते महीनों में अवैध हथियार और अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान भी चलाया गया, जिसमें काफी उत्साहजनक सफलता मिली.

पड़ोसी राज्यों से पहुंच रहे अवैध हथियार
पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि भरतपुर जिले में अधिकतर अवैध हथियार उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के भिंड, मुरैना एवं अन्य जिलों से यहां तक लाए जाते हैं. वहीं बीते बरसों की कार्रवाईयों पर नजर डालें तो जिले के मेवात क्षेत्र में भी अवैध हथियार बनाने की कई फैक्ट्रियां पकड़ी गई, जिससे साफ साबित होता है कि जिले के मेवात क्षेत्र में भी चोरी छुपे अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं.
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तो, इसलिए लाये जाते हैं हथियार!
सोशल मीडिया (Social Media) पर खुद को बीस साबित करने की जिद्द कहें या फिर इसे फिल्मों का साइड इफेक्ट (Side Effect) कहें, आंकड़े बताते हैं कि भरतपुर में हथियार बड़े ऐहतराम से संजो कर रखे जा रहे हैं. वैसे पुलिस मानती है कि एक अहम वजह युवाओं में हथियार रखने का बढ़ता क्रेज भी (Craze For Weapons) है.

इस पर मुहर हथियारों के लाइसेंस (bharatpur illegal arms) लेने के लिए भारी मात्रा में आ रहे आवेदन लगा रहे हैं. ऐसे में तर्क ये दिया जा रहा है कि जिन्हें हथियारों का लाइसेंस नहीं मिलता, वो अपना शौक पूरा करने या फिर किसी वारदात को अंजाम देने के लिए पड़ोसी राज्यों का सहारा ले रहे हैं. सो वहां से अवैध हथियार चोरी छुपे यहां लाए जा रहे हैं.

वारदातें बताती हैं कि कहानी शौक से आगे बढ़ चुकी है. पिछले दिनों कई ऐसे अपराध हुए जिनके अपराधी जब गिरफ्त में आए तो अवैध हथियारों की बरामदगी (bharatpur illegal arms) भी की गई. जिनमें से डॉक्टर दंपती हत्याकांड सबसे चर्चित रहा. 28 मई को हुई वारदात में आरोपी अनुज गुर्जर और उसके मामा के लड़के महेश गुर्जर ने शहर के काली बगीची क्षेत्र में दिनदहाड़े गाड़ी सवार डॉक्टर दंपती डॉ. सुदीप गुप्ता और पत्नी डॉ. सीमा गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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