भरतपुर. जिले की किन्नर नीतू मौसी समाज सेवा और सांप्रदायिक सद्भाव का जीता जागता उदाहरण है. उन्होंने बीते दस साल में 100 गरीब हिंदू-मुस्लिम कन्याओं की शादी करवाकर समाज सेवा का अप्रतिम उदाहरण पेश किया है. मंगलवार को भी किन्नर नीतू मौसी ने 10 कन्याओं के हिंदू मुस्लिम रिवाज से हाथ पीले किए.
किन्नर नीतू मौसी ने बताया कि इस बार तीन मुस्लिम और सात हिंदू कन्याओं का विवाह करवाया है. मुस्लिम कन्याओं का पूरे रीति-रिवाज के साथ निकाह करवाया गया. वहीं हिंदू गरीब कन्याओं के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सात फेरे कराए गए. गरीब कन्याओं के विवाह में सभी जरूरी सामान भी नीतू मौसी ने खुद ही दिया है.
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नीतू मौसी ने बताया कि वह लोगों की खुशी के मौके पर उनके घरों पर जाती थी, लेकिन इसी दौरान वो गरीब परिवार और कन्याओं के हालात भी देखती थी. ऐसे में उन्होंने गरीब कन्याओं की शादी का खर्चा खुद उठाने का फैसला लिया. शुरुआत में तो वह कभी-कभी एक या दो गरीब कन्याओं की शादी करा देती थी, लेकिन बीते 10 वर्ष से वो लगातार हर वर्ष 10 हिंदू और मुस्लिम कन्याओं का विवाह करा रही हैं.
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नीतू मौसी के सामाजिक कार्यक्रम के व्यवस्थापक शैलेंद्र उपाध्याय ने बताया कि मौसी गरीब कन्याओं के विवाह से पहले आवेदन मांगती हैं. आवेदनों में गरीब कन्याओं के परिजनों द्वारा भरी गई जानकारी के आधार पर सबसे गरीब और जरूरतमंद कन्याओं का चयन किया जाता है. इसमें कुल 10 गरीब हिंदू-मुस्लिम कन्याओं का चयन किया जाता है.
मंगलवार को भी नीतू मौसी ने अपने दसवें वर्ष में तीन मुस्लिम और 7 हिंदू कन्याओं का विवाह संपन्न कराया. ऐसे में नीतू मौसी बीते 10 वर्ष में 100 गरीब हिंदू-मुस्लिम कन्याओं का निकाह और विवाह करा चुकी हैं. इस अवसर पर नीतू मौसी ने समाज को संदेश देते हुए कहा कि लोगों को भ्रूण हत्या जैसे पाप से बचना चाहिए और बेटियों को भी बेटों के समान मानते हुए उनकी पूरी शिक्षा और पालन-पोषण करना चाहिए.