भरतपुर. कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव को देखते हुए जोधपुर हाईकोर्ट की ओर से समस्त अधीनस्थ न्यायालयों को निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी सामूहिक कार्यक्रम नहीं किया जाए. इसके अलावा जो भी पक्षकार व्यक्तिगत तौर पर न्यायालय में मौजूद नहीं रहेगा, उसे मौजूद रहने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. साथ ही पक्षकार के उपस्थित नहीं होने की स्थिति में एक तरफा भी फैसला नहीं सुनाया जाएगा.
जब तक देश में कोरोना का प्रकोप रहेगा, तब तक ये आदेश जारी रहेंगे. दरअसल कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए जोधपुर न्यायालय की ओर से इन आदेशों के आने के बाद जिला सेशन न्यायधीश शोभा मेहता ने मंगलवार को एक बैठक ली. इस बैठक में सभी अधीनस्थ न्यायधीशों को हाईकोर्ट के निर्देश बताए गए.
बार एसोशिएशन के अध्यक्ष माधो सिंह मदेरणा ने बताया कि जोधपुर हाईकोर्ट ने एक सर्कुलर जारी किया था कि जो भी न्यायालयों के सामूहिक कार्यक्रम होते है वो नहीं किए जाएंगे. इसके अलावा जो भी पक्षकार जिनको व्यक्तिगत उपस्थित होने के लिए बुलाया जाता है, उन्हें किसी भी न्यायालय में उपस्थित होने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. जो भी पक्षकार न्यायालय में उपस्थित नहीं होता है, उसकी गैरहाज़िरी में एक तरफा कार्रवाई नहीं की जाएगी.
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इसके अलावा न्यायालय में कोई भी पक्षकार अधिक संख्या में इकट्ठे नहीं हो सकते और न ही किसी वकील के चैंबर में ज्यादा भीड़ होगी. न्यायालय के सभी चेंबर फिनायल से साफ करवाए जाएंगे. न्यायालय में फॉगिंग करवाई जाएगी. साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ भी नियुक्त किया जाएगा. न्यायालय प्रवेश के लिए दो गेट खोले रखे जाएंगे.