भरतपुर. केंद्र सरकार ने किसानों की फसल बिक्री को लेकर अध्यादेश जारी किया है जिसमें किसान अपनी फसल को मंडी से बाहर बेचेगा तो उसे फसल पर कोई मंडी शुल्क नहीं देना पड़ेगा. इसके अलावा उसे किसान कल्याण कोष से भी राहत मिलेगी, लेकिन केंद्र सरकार के इस अध्यादेश के बाद खाद्य पदार्थ व्यापार संघ में रोष है. उन्होंने अध्यादेश के विरोध में शहर की दोनों मंडियों को बंद रखा.
व्यापारियों का कहना है की केंद्र सरकार द्बारा जारी किया गया अध्यादेश मंडी व्यापारियों के अहित में है. इस अध्यादेश से मंडियों का भविष्य खतरे में है. अगर किसान अपनी फसल को बाहर बेचेगा तो मंडियों में कोई भी व्यापारी नहीं आएगा. जिस कारण धीरे-धीरे मंडियां बंद हो जाएंगी. जो व्यापारी लाइसेंस लेकर मंडी में काम कर रहे हैं उन्हें मंडी शुल्क और कृषि कल्याण कोष समेत कई तरह के टैक्स चुकाने पड़ते हैं. लेकिन जब किसान मंडी से बाहर व्यापार करेगा तो उसे किसी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ेगा और मंडी कारोबारियों पर बोझ बढ़ेगा.
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आज चार राज्य की मंडियों में हड़ताल रखी गई है. जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के साथ राजस्थान में सभी मंडियां बंद रखी गईं हैं. व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक केंद्र सरकार इस अध्यादेश को वापस नहीं लेती हड़ताल जारी रहेगी.