ETV Bharat / city

स्पेशल रिपोर्ट: भरतपुर के बंसी पहाड़पुर से जा रहा राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर, जानिए क्या है खासियत

अयोध्या में राम मंदिर विवाद पर देश के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण को लेकर भरतपुर में हलचल तेज हो गई है. क्योंकि राम मंदिर निर्माण में भरतपुर के बंसी पहाड़पुर से पत्थर जाएंगे. देखिए स्पेशल रिपोर्ट

ram temple Construction,bharatpur bansi paharpur,
author img

By

Published : Nov 11, 2019, 7:13 PM IST

भरतपुर. सुप्रीम कोर्ट के रामलला के मंदिर को लेकर फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर को लेकर रास्ता साफ हो गया है. ऐसे में भरतपुर जिले के बंसी पहाड़पुर में पत्थर व्यापारियों में भी हलचल तेज हो गई है. क्योंकि मंदिर निर्माण के लिए 60 फीसदी पत्थर बंसी पहाड़पुर से ही जाना है. जिसके लिए पत्थर व्यापारी और मजदूर काम में जुटे हुए है. मतलब लगभग 2.5 घन फीट पत्थर बंसी पहाड़पुर का लगाया जाएगा. वहीं अभी तक करीब 01 लाख घन पत्थर की आपूर्ति की जा चुकी है. बंसी पहाड़पुर के अलावा सिरोही के पिंडवाड़ा से भी मंदिर निर्माण के लिए पत्थर भेजा जा रहा है.

स्पेशल रिपोर्ट: भरतपुर के बंसी पहाड़पुर से जा रहा राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर

ये है बंसी पहाड़पुर के पत्थर की खासियत
बंसी पहाड़पुर का पत्थर की खासियत है कि ये 5 हजार साल तक जिंदा रह सकता है. इसलिए बंसी पहाड़पुर का पत्थर अपनी पहचान बनाये हुए है. यहां के पत्थर में और पत्थरों के मुकाबले ज्यादा भार सहने की क्षमता होती है. बंसी पहाड़पुर का पत्थर संसद, लालकिला, बुलंद दरवाज़ा, अक्षरधाम सहित इस्कॉन टेंपल में भी लगा हुआ है. इस पत्थर की खासियत है कि जितनी बारिश हो उससे पत्थर में और भी ज्यादा निखार आता है.

पढ़ें- राम मंदिर राजनैतिक नहीं बल्कि आस्था से जुड़ा मुद्दा : सतीश पूनिया

पत्थरों पर नक्काशी का काम शुरू
वहीं पत्थर की खदानों पर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण के लिए पत्थर नक्काशी का काम शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि यहां के पत्थर की विदेश तक मांग है. मजदूरों ने बताया कि राजा-महाराजाओं के किले और महल यहीं के पत्थर के बने हुए है और मजदूर पत्थर पर नक्काशी उकेरने का काम इंजीनियर के निर्देश के अनुसार करते है. उन्होंने बताया बंसी पहाड़पुर से रोजाना करीब 20 ट्रॉली पत्थर मंदिर निर्माण के लिए भेजे जाएंगे और इस मंदिर को बनाने में करीब 2 साल 06 महीने का समय लगेगा.

पढ़ें- अयोध्या राम मंदिर पर SC का फैसला धर्म के आधार पर नहीं, तथ्यों के आधार पर है : राजस्थान वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष

राम मंदिर आंदोलन के वक्त भरतपुर से गई थी रामशिलाएं
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के दौरान भरतपुर से राम शिला पूजन के लिए श्रीराम लिखी ईंट भरतपुर के भट्टों में तैयार हुई थी. बताया जाता है कि आरएसएस के तत्कालीन विभाग संघ चालक सीताराम अग्रवाल ईंट भट्टों के बड़े कारोबारी थे. उनके भट्टों में गुप्त रूप से रामशिला ईंटों का निर्माण हुआ था.

भरतपुर. सुप्रीम कोर्ट के रामलला के मंदिर को लेकर फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर को लेकर रास्ता साफ हो गया है. ऐसे में भरतपुर जिले के बंसी पहाड़पुर में पत्थर व्यापारियों में भी हलचल तेज हो गई है. क्योंकि मंदिर निर्माण के लिए 60 फीसदी पत्थर बंसी पहाड़पुर से ही जाना है. जिसके लिए पत्थर व्यापारी और मजदूर काम में जुटे हुए है. मतलब लगभग 2.5 घन फीट पत्थर बंसी पहाड़पुर का लगाया जाएगा. वहीं अभी तक करीब 01 लाख घन पत्थर की आपूर्ति की जा चुकी है. बंसी पहाड़पुर के अलावा सिरोही के पिंडवाड़ा से भी मंदिर निर्माण के लिए पत्थर भेजा जा रहा है.

स्पेशल रिपोर्ट: भरतपुर के बंसी पहाड़पुर से जा रहा राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर

ये है बंसी पहाड़पुर के पत्थर की खासियत
बंसी पहाड़पुर का पत्थर की खासियत है कि ये 5 हजार साल तक जिंदा रह सकता है. इसलिए बंसी पहाड़पुर का पत्थर अपनी पहचान बनाये हुए है. यहां के पत्थर में और पत्थरों के मुकाबले ज्यादा भार सहने की क्षमता होती है. बंसी पहाड़पुर का पत्थर संसद, लालकिला, बुलंद दरवाज़ा, अक्षरधाम सहित इस्कॉन टेंपल में भी लगा हुआ है. इस पत्थर की खासियत है कि जितनी बारिश हो उससे पत्थर में और भी ज्यादा निखार आता है.

पढ़ें- राम मंदिर राजनैतिक नहीं बल्कि आस्था से जुड़ा मुद्दा : सतीश पूनिया

पत्थरों पर नक्काशी का काम शुरू
वहीं पत्थर की खदानों पर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण के लिए पत्थर नक्काशी का काम शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि यहां के पत्थर की विदेश तक मांग है. मजदूरों ने बताया कि राजा-महाराजाओं के किले और महल यहीं के पत्थर के बने हुए है और मजदूर पत्थर पर नक्काशी उकेरने का काम इंजीनियर के निर्देश के अनुसार करते है. उन्होंने बताया बंसी पहाड़पुर से रोजाना करीब 20 ट्रॉली पत्थर मंदिर निर्माण के लिए भेजे जाएंगे और इस मंदिर को बनाने में करीब 2 साल 06 महीने का समय लगेगा.

पढ़ें- अयोध्या राम मंदिर पर SC का फैसला धर्म के आधार पर नहीं, तथ्यों के आधार पर है : राजस्थान वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष

राम मंदिर आंदोलन के वक्त भरतपुर से गई थी रामशिलाएं
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के दौरान भरतपुर से राम शिला पूजन के लिए श्रीराम लिखी ईंट भरतपुर के भट्टों में तैयार हुई थी. बताया जाता है कि आरएसएस के तत्कालीन विभाग संघ चालक सीताराम अग्रवाल ईंट भट्टों के बड़े कारोबारी थे. उनके भट्टों में गुप्त रूप से रामशिला ईंटों का निर्माण हुआ था.

Intro:भरतपुर 

एंकर- सुप्रीम कोर्ट के रामलला के मंडित को केकर फैसले के बाद पूरे देश मे खुशी का माहौल है वही भरतपुर जिले बंसी पहाड़पुर में पत्थर व्यापारियों में हलचल मची हुई क्योंकि मंदिर निर्माण के लिए 60 फीसदी पत्थर बंसी पहाड़पुर से जाना है जिसके लिए पत्थर व्यापारी और मजदूर काम मे लग गए है... मतलब लगभग 2.5 घन फ़ीट पत्थर बंसी पहाड़पुर का लगाया जाएगा... वही अभी तक करीब 01 लाख घन पत्थर की आपूर्ति की जा चुकी है... बंसी पहाड़पुर के अलावा पिंडवाड़ा से भी मंदिर निर्माण के लिए पत्थर भेजा जा रहा है...
 बंसी पहाड़पुर का पत्थर की खासियत है कि ये 5 हज़ार साल तक जिंदा रह सकता है... इसलिए बंसी पहाड़पुर का पत्थर अपनी पहचान बनाये हुए है... यहाँ के पत्थर में और पत्थरों के मुकाबले ज्यादा भर सहने की क्षमता होती है... बंसी पहाड़पुर का पत्थर संसद, लालकिला, बुलंद दरवाज़ा, अक्षरधाम सहित इस्कॉन टेम्पल में भी लगा हुआ है... इस पत्थर की खासियत है कि जितनी बारिश हो उससे पत्थर पर और भी ज्यादा निखार आता है... 
 पत्थर की खदानों पर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण के लिए पत्थर नकाशी का काम शुरू कर दिया गया है... और इस पत्थर की विदेश तृक मांग है... राजा महाराजाओं के किले और महल यही के पत्थर के बने हुए है और मजदूर पत्थर पर नकाशी उकेरने का काम इंजीनियर के निर्देश के अनुसार करते है... उन्होंने बताया बंसी पहाड़पुर से रोजाना करीब 20 ट्रॉली पत्थर मंदिर निर्माण के लिए भेजे जाएंगे... और इस मंदिर को बनाने में करीब 2 साल 06 महीने का समय लगेगा...
वन-टू-वन मजदूरों के साथ



Body:भरतपुर के बंसी पहाड़पुर से जाएगा राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.