भरतपुर. जिले के राजकीय बालिका गृह में तैनात पुलिसकर्मी और सुरक्षा गार्ड यहां की बालिकाओं को बाहर से गुटखा उपलब्ध कराते हैं. साथ ही कई बालिकाएं बालिका गृह में अपने पास मोबाइल भी रखती है. जब इसकी शिकायत एक बालिका ने बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों से की तो उसकी अन्य बालिकाओं ने मिलकर एक कमरे में बंद कर पिटाई कर दी. जिसमें बालिका बूरी तरह से घायल हो गई. सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और सदस्य बालिका गृह पहुंचे और घायल बालिका को आरबीएम जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका उपचार चल रहा है.
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष गंगाराम पराशर ने बताया कि मंगलवार को दो बालिकाओं को समिति में काउंसलिंग के लिए बुलाया गया. इस दौरान एक बालिका ने बताया कि बालिका गृह में तैनात पुलिसकर्मी और सुरक्षा गार्ड अंदर बालिकाओं को गुटखा और तंबाकू उपलब्ध कराते हैं. साथ ही कई बालिकाओं के पास मोबाइल भी उपलब्ध है. काउंसलिंग में मौजूद दूसरी बालिका ने बालिका गृह वापस पहुंचकर अन्य बालिकाओं से पहली बालिका की ओर से की गई शिकायत के बारे में बता दिया. इससे खफा अन्य बालिकाओं ने शिकायत करने वाली बालिका की कमरे में बंद कर पिटाई कर दी. आरबीएम जिला अस्पताल में भर्ती घायल बालिका ने बताया कि वह अंदर कमरे में से चिल्लाती रही, लेकिन बालिका गृह में मौजूद स्टाफ में से कोई उसे बचाने नहीं आया.
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इसलिए खराब है हालात
असल में नारी निकेतन और बालिका गृह एक ही परिसर में संचालित होती है. यहां 41 बालिकाएं और महिलाएं रहती है. इसके साथ ही राजकीय बालिका गृह के अंदर तैनात सभी कर्मचारी प्राइवेट हैं. ऐसे में बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों का मानना है कि जब तक सरकारी कर्मचारी यहां तैनात नहीं किए जाएंगे, तब तक यहां के हालात को पूरी तरह से नियंत्रण में लाना मुश्किल है.