भरतपुर. जयपुर कमिश्नरेट के एडिशनल डीसीपी राजेंद्र प्रसाद खोथ के साथ गुरुवार देर रात राष्ट्रीय राजमार्ग-21 पर मलाह पुलिया के पास भरतपुर पुलिस ने मारपीट की. पीड़ित एडिशनल डीसीपी बार-बार पुलिसकर्मियों को अपना परिचय देते रहे लेकिन ना तो किसी पुलिसकर्मी ने उनकी बात सुनी और ना ही कंट्रोल रूम से सूचना पाकर पहुंचे सीआई ने उनकी बात मानी.
पूरे घटनाक्रम को लेकर पीड़ित एडिशनल डीसीपी ने विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजी है. वहीं भरतपुर पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई का कहना है कि उन्हें इस संबंध में फिलहाल कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है.जानकारी के अनुसार जयपुर कमिश्नरेट के एडिशनल डीसीपी राजेंद्र प्रसाद खोथ गुरुवार देर रात को धौलपुर जा रहे थे. भरतपुर के मलाह पुलिया के पास वह टॉयलेट करने रुके. इतने में पास ही में मौजूद पुलिस की रात्रिकालीन गश्त दल ने एडिशनल डीसीपी को पकड़ लिया और फटकार लगाने लगे.
एडिशनल डीएसपी ने विरोध किया तो मारपीट शुरू कर दी. एडिशनल डीसीपी राजेन्द्र ने पुलिस कर्मियों को अपना परिचय भी दिया लेकिन उन्होंने एक ना सुनी और बदसलूकी करते रहे. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस जाप्ते के साथ एक सीआई भी पहुंच गए लेकिन उन्होंने भी एडिशनल डीसीपी के साथ हाथापाई की. बाद में उन्हें जबरन जीप में बैठाकर साथ ले गए.
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हालात इतने बिगड़ गए कि पीड़ित एडिशनल डीसीपी ने जयपुर कमिश्नर को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी. इसके बाद जयपुर कमिश्नरेट से भरतपुर आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा को फोन आया और उन्होंने भरतपुर एसपी देवेंद्र कुमार विश्नोई को मौके पर भेजा और हालात को सामान्य किया.
घटना के संबंध में एसपी देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि इस तरह की घटना बीती रात को होने की बात सामने आई थी. लेकिन अभी तक एडिशनल डीसीपी राजेंद्र की ओर से किसी प्रकार की कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है. जबकि पीड़ित एडिशनल डीसीपी राजेन्द्र ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत दी है. वहीं पुलिस विभाग की ओर से अभी तक इस घटना को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है.