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भरतपुर नगर निगम बोर्ड बैठक में महापौर और पार्षदों के बीच गाली गलौच, पुलिस को करना पड़ा बीच-चाव

भरतपुर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक का आयोजन सोमवार को महापौर अभिजीत कुमार की अध्यक्षता में हुआ. बैठक के दौरान तमाम एजेंडों को लेकर भाजपा पार्षदों ने महापौर का विरोध करना शुरू कर दिया. इसी को लेकर बहस इतनी बढ़ गई कि महापौर और पार्षदों के बीच गाली गलौच तक हो गई.

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भरतपुर नगर निगम बोर्ड बैठक में महापौर और पार्षदों के बीच गाली गलौच
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Published : Apr 19, 2021, 10:12 PM IST

भरतपुर. नगर निगम साधारण सभा की बैठक का आयोजन सोमवार को महापौर अभिजीत कुमार की अध्यक्षता में हुआ. बैठक के दौरान तमाम एजेंडों को लेकर भाजपा पार्षदों ने महापौर का विरोध करना शुरू कर दिया. इसी को लेकर बहस इतनी बढ़ गई कि महापौर और पार्षदों के बीच गाली गलौच तक हो गई. हालात यह हो गए कि पुलिस को बैठक के बीच में पहुंचकर बीच-बचाव करना पड़ा.

पढ़ें: पूर्व PM मनमोहन सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित, CM गहलोत ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

बैठक की शुरुआत में जैसे ही महापौर अभिजीत कुमार ने कांग्रेस सरकार की प्रशंसा करना शुरू किया, इसी बीच पार्षद रामेश्वर सैनी ने नौह कचरा प्लांट से ग्रामीणों को हो रही परेशानी और नंदी गौशाला में अव्यवस्थाओं के आलम की पोल खोलना शुरू कर दिया. इसी बीच पार्षद श्याम सुंदर गौड़ ने नगर निगम मेयर, आयुक्त आदि पर नगर निगम को खुलेआम बेचने के आरोप लगा डाले. अपने ऊपर निगम बेचने के आरोप से मेयर धैर्य खो बैठे और वे भड़क गए.

महापौर और पार्षदों के बीच गाली गलौच

बैठक में पार्षदों ने दिया धरना

इस पर भाजपा पार्षद श्याम सुंदर गौड़, पार्षद रुपेंद्र सिंह जघीना, शिवानी दायमा, रामेश्वर सैनी, नरेश जाटव, किशोर सैनी, सुमन प्रेमपाल, मनोज सिंह आदि डाइस के सामने आ गए. इनमें से कुछ पार्षदों ने बैठक के एजेंडा की कॉपी को फाड़ कर डाइस पर रख दिया और अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हुए डाइस के सामने जमीन पर धरना देने बैठ गए.

बुलानी पड़ी पुलिस

आपस में तीखे तेवरों और नोंक-झोंक को देख साधारण सभा में पुलिस बुलानी पड़ी. पुलिस ने पार्षदों को अलग करके बीच बचाव किया. आयुक्त डाॅ. राजेश गोयल ने भी पार्षदों को शालीनता के साथ शहर के विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विनती की. तब कहीं जाकर धरना को समाप्त करते हुए विरोध कर रहे पार्षद अपने-अपने स्थान पर सदन में बैठे गए, लेकिन उनके तीखे तेवर जारी रहे. हालांकि महापौर ने साधारण सभा के दौरान हुए हंगामे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

बैठक पर आपत्ति

निगम की साधारण सभा में पहुंचे पार्षदों ने एक मत से पहले तो कोरोना संक्रमण काल का हवाला देते हुए इस सभा के आयोजन पर नाराजगी जताई. पार्षदों का कहना था कि स्कूल, कॉलेज, मंदिर, समारोह, सरकारी जरूरी बैठकें तक कोरोना संक्रमण की रोकथाम की दृष्टि से स्थगित की जा रही हैं, लेकिन फिर भी निगम ने बैठक बुलाई है.

11 बिंदुओं का पार्षदों ने किया अनुमोदन

  • वार्ड संख्या 8 से 17 तक 30.81 करोड़ और वार्ड संख्या 52 से 57 तक में 11.80 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाएंगी सी.सी. सड़क
  • वार्ड संख्या 8 से 17 तक 4.87 करोड और वार्ड संख्या 52 से 58 तक 3.01 करोड़ रुपए की लागत से लगाई जाएंगी स्ट्रीट लाइट
  • हुडको से 150 करोड़ रुपए का ऋण लेकर सुधारा जाएगा शहर का ड्रेनेज सिस्टम, निगम महापौर और आयुक्त किए अधिकृत
  • वार्ड संख्या 2, 4 व 5 से 7 तक में 9.06 करोड़ रुपए की लागत से होगा सीसी सड़कों का निर्माण
  • वार्ड संख्या 1 से 7 में 3.22 करोड़ रुपए की लागत से लगाई जाएंगी स्ट्रीट लाइट
  • 5 करोड़ रुपए की लागत से निगम की प्रॉपर्टी का किया जाएगा सर्वे, होगा बिल तैयार और आगमी 10 वर्षों के लिए किया जाएगा टैक्स कलेक्शन
  • कोरोना से आमजन को बचाव की दृष्टि से प्रत्येक पार्षद अपने वार्ड में वितरण करेगा 500 मास्क
  • ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता के लिए निगम की ओर से जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए जाएंगे 10 लाख रुपए

निगम के ठेकेदारों ने किया जोरदार प्रदर्शन

बैठक के दौरान निगम के ठेकेदार एकत्रित होकर सभा में घुस आए तो एक बार अफरा-तफरी का सा माहौल हो गया. ठेकेदारों ने जमकर निगम प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए. ठेकेदारों का आरोप था कि निगम अपने ही 120 ठेकेदारों को भूखा मारने पर तुला है. हमें बेरोजगार किया जा रहा है. उनका आरोप था कि निगम ने 19 अप्रैल की बैठक के एजेंडा में जो बिंदु लिए हैं, उनमें सभी कार्य लगभग दो करोड़ रुपए से ऊपर के हैं. उक्त एनआईटी निगम के ठेकेदार नहीं ले पाएंगे और काम बाहर की एजेंसी के हाथ में चला जाएगा. इससे ठेकेदार बेरोजगार हो जाएंगे. निगम को चाहिए कि वे छोटे-छोटे टुकड़ों में कम राशि में एनआईटी लगाए, जिससे ठेकेदारों को भी काम मिल सके.

भरतपुर. नगर निगम साधारण सभा की बैठक का आयोजन सोमवार को महापौर अभिजीत कुमार की अध्यक्षता में हुआ. बैठक के दौरान तमाम एजेंडों को लेकर भाजपा पार्षदों ने महापौर का विरोध करना शुरू कर दिया. इसी को लेकर बहस इतनी बढ़ गई कि महापौर और पार्षदों के बीच गाली गलौच तक हो गई. हालात यह हो गए कि पुलिस को बैठक के बीच में पहुंचकर बीच-बचाव करना पड़ा.

पढ़ें: पूर्व PM मनमोहन सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित, CM गहलोत ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

बैठक की शुरुआत में जैसे ही महापौर अभिजीत कुमार ने कांग्रेस सरकार की प्रशंसा करना शुरू किया, इसी बीच पार्षद रामेश्वर सैनी ने नौह कचरा प्लांट से ग्रामीणों को हो रही परेशानी और नंदी गौशाला में अव्यवस्थाओं के आलम की पोल खोलना शुरू कर दिया. इसी बीच पार्षद श्याम सुंदर गौड़ ने नगर निगम मेयर, आयुक्त आदि पर नगर निगम को खुलेआम बेचने के आरोप लगा डाले. अपने ऊपर निगम बेचने के आरोप से मेयर धैर्य खो बैठे और वे भड़क गए.

महापौर और पार्षदों के बीच गाली गलौच

बैठक में पार्षदों ने दिया धरना

इस पर भाजपा पार्षद श्याम सुंदर गौड़, पार्षद रुपेंद्र सिंह जघीना, शिवानी दायमा, रामेश्वर सैनी, नरेश जाटव, किशोर सैनी, सुमन प्रेमपाल, मनोज सिंह आदि डाइस के सामने आ गए. इनमें से कुछ पार्षदों ने बैठक के एजेंडा की कॉपी को फाड़ कर डाइस पर रख दिया और अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हुए डाइस के सामने जमीन पर धरना देने बैठ गए.

बुलानी पड़ी पुलिस

आपस में तीखे तेवरों और नोंक-झोंक को देख साधारण सभा में पुलिस बुलानी पड़ी. पुलिस ने पार्षदों को अलग करके बीच बचाव किया. आयुक्त डाॅ. राजेश गोयल ने भी पार्षदों को शालीनता के साथ शहर के विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विनती की. तब कहीं जाकर धरना को समाप्त करते हुए विरोध कर रहे पार्षद अपने-अपने स्थान पर सदन में बैठे गए, लेकिन उनके तीखे तेवर जारी रहे. हालांकि महापौर ने साधारण सभा के दौरान हुए हंगामे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

बैठक पर आपत्ति

निगम की साधारण सभा में पहुंचे पार्षदों ने एक मत से पहले तो कोरोना संक्रमण काल का हवाला देते हुए इस सभा के आयोजन पर नाराजगी जताई. पार्षदों का कहना था कि स्कूल, कॉलेज, मंदिर, समारोह, सरकारी जरूरी बैठकें तक कोरोना संक्रमण की रोकथाम की दृष्टि से स्थगित की जा रही हैं, लेकिन फिर भी निगम ने बैठक बुलाई है.

11 बिंदुओं का पार्षदों ने किया अनुमोदन

  • वार्ड संख्या 8 से 17 तक 30.81 करोड़ और वार्ड संख्या 52 से 57 तक में 11.80 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाएंगी सी.सी. सड़क
  • वार्ड संख्या 8 से 17 तक 4.87 करोड और वार्ड संख्या 52 से 58 तक 3.01 करोड़ रुपए की लागत से लगाई जाएंगी स्ट्रीट लाइट
  • हुडको से 150 करोड़ रुपए का ऋण लेकर सुधारा जाएगा शहर का ड्रेनेज सिस्टम, निगम महापौर और आयुक्त किए अधिकृत
  • वार्ड संख्या 2, 4 व 5 से 7 तक में 9.06 करोड़ रुपए की लागत से होगा सीसी सड़कों का निर्माण
  • वार्ड संख्या 1 से 7 में 3.22 करोड़ रुपए की लागत से लगाई जाएंगी स्ट्रीट लाइट
  • 5 करोड़ रुपए की लागत से निगम की प्रॉपर्टी का किया जाएगा सर्वे, होगा बिल तैयार और आगमी 10 वर्षों के लिए किया जाएगा टैक्स कलेक्शन
  • कोरोना से आमजन को बचाव की दृष्टि से प्रत्येक पार्षद अपने वार्ड में वितरण करेगा 500 मास्क
  • ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता के लिए निगम की ओर से जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए जाएंगे 10 लाख रुपए

निगम के ठेकेदारों ने किया जोरदार प्रदर्शन

बैठक के दौरान निगम के ठेकेदार एकत्रित होकर सभा में घुस आए तो एक बार अफरा-तफरी का सा माहौल हो गया. ठेकेदारों ने जमकर निगम प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए. ठेकेदारों का आरोप था कि निगम अपने ही 120 ठेकेदारों को भूखा मारने पर तुला है. हमें बेरोजगार किया जा रहा है. उनका आरोप था कि निगम ने 19 अप्रैल की बैठक के एजेंडा में जो बिंदु लिए हैं, उनमें सभी कार्य लगभग दो करोड़ रुपए से ऊपर के हैं. उक्त एनआईटी निगम के ठेकेदार नहीं ले पाएंगे और काम बाहर की एजेंसी के हाथ में चला जाएगा. इससे ठेकेदार बेरोजगार हो जाएंगे. निगम को चाहिए कि वे छोटे-छोटे टुकड़ों में कम राशि में एनआईटी लगाए, जिससे ठेकेदारों को भी काम मिल सके.

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