भरतपुर. जिले में गुरुवार को कोर्ट के आदेश के बाद एक उत्तर प्रदेश रोडवेज की बस को कुर्क किया गया. सेल अमीन वीरेंद्र अग्रवाल पूरी टीम के साथ रोडवेज पहुंच कर सवारियों से भरी बस को खाली करवाया और बस पर कुर्क का नोटिस चस्पा कर दिया. जिसके बाद बस को अतलबन्द थाने को सुपुर्द कर दिया गया है.
सेल अमीन वीरेंद्र ने बताया कि साल 1998 में भरतपुर का निवासी हुकुम चंद आगरा से भरतपुर आ रहा था. तभी अचानक एक हादसा हुआ और हादसे में हुकुम सिंह का हाथ कट गया, जिसके बाद हुकुम सिंह ने उत्तरप्रदेश रोडवेज के खिलाफ एक परिवाद डाला. कोर्ट ने उस परिवाद पर 2012 में फैसला सुनाया और 02 लाख 99 हजार रुपए उत्तर प्रदेश रोडवेज पर दंड लगाया और हुकुम सिंह को आर्थिक सहायता देने के आदेश दिए.
हुकुम सिंह ने राशि कम होने की वजह से साल 2012 में दुबारा कम राशि होने का परिवाद डाला. जिसके बाद कोर्ट ने परिवाद पर फैसला सुनाया कि हुकुम सिंह पीड़ित को उत्तर प्रदेश रोडवेज करीब 12 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगी, लेकिन उसके बाद भी उत्तर प्रदेश रोडवेज ने कोर्ट के आदेश नहीं माने. कोर्ट ने आदेशों की अवेहलना को देखते हुए उत्तर प्रदेश रोडवेज को कुर्क करने के आदेश निकाले, जिसके बाद गुरुवार को सेल अमीन वीरेंद्र अग्रवाल अपनी पूरी टीम के साथ रोडवेज पहुंचे और एक उत्तर प्रदेश रोडवेज की बस में भरी सवारियों को उतारा और बस पर कुर्क का एक नोटिस चस्पा कर बस अतलबन्द थाने के सुपुर्द कर दिया.
वहीं, अब कोर्ट उत्तर प्रदेश रोडवेज को पैसे भरने का समय देगी. वहीं, जब भी वसूली की रकम नहीं भरी जाएगी तो उस स्थिति में उत्तर प्रदेश रोडवेज की नीलामी की जाएगी और उस पैसे से पीड़ित को आर्थिक सहायता दी जाएगी.