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किसान आंदोलन में 1 दिन का प्रवक्ता बना भरतपुर का 8 साल का अंगद, पिता के साथ तय किया 1 लाख किमी का सफर

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Published : Jul 1, 2021, 9:46 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 10:53 PM IST

भरतपुर का रहने वाला 8 साल का बच्चा अंगद सिंह गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में 1 दिन का प्रवक्ता बनाया गया था. भरतपुर लौटने पर अंगद ने किसान आंदोलन के दौरान जो कुछ भी देखा और महसूस किया उसे बताया.

किसान आंदोलन, farmers movement
8 साल का अंगद किसान नेता राकेश टिकैत के साथ

भरतपुर. कृषि कानूनों के विरोध में देश के किसान लंबे समय से गाजीपुर बॉर्डर और अन्य क्षेत्रों में आंदोलन कर रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में यह आंदोलन लंबे समय से चल रहा है. हाल ही में तीन दिन पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने भरतपुर की न्यू पुष्प वाटिका कॉलोनी निवासी 8 साल के बालक अंगद सिंह को गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का 1 दिन का प्रवक्ता बनाया था.

पढ़ेंः सीएम गहलोत किया व्यंग्य, कहा- यूपी में उथल-पुथल हुआ तो लगा हमारे गवर्नर वहां न पहुंच जाएं

किसान आंदोलन के बारे में जानकारी, बेबाक बातचीत और वैचारिक समृद्धता ने अंगद को रातोंरात 'लिटिल फार्मर लीडर' के रूप में पहचान दिला दी. भरतपुर लौटने पर अंगद ने कहा कि आंदोलन के दौरान 500 किसान शहीद हो गए, लेकिन केंद्र सरकार ने शोक व्यक्त भी नहीं किया. ट्विटर पर ट्वीट कर के भी शोक जता सकते थे लेकिन नहीं किया.

किसान आंदोलन में 1 दिन का प्रवक्ता बना 8 साल का अंगद

अंगद सिंह ने केंद्र सरकार को लेकर कहा कि आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे दिलों में है, लेकिन उन्होंने कृषि कानून गलत बना दिए हैं. मोदी जी यदि काले कानून वापस ले लें और एमएसपी की गारंटी दे दें तो आगे भी हम मोदी को वोट दे सकते हैं.

उत्तर प्रदेश में भी करेंगे आंदोलन

अंगद ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल में भाजपा के खिलाफ विरोध किया और किसानों की जीत हुई. उत्तर प्रदेश में भाजपा का विरोध करेंगे और किसानों को वहां भी जीत मिलेगी. अंगद ने देश के किसानों से कृषि बिल पढ़ने और उसे समझने की अपील की है.

पिता के साथ एक लाख किमी का सफर

अंगद ने कहा कि उसने अपने पिता नरेंद्र के साथ आंदोलन के दौरान करीब एक लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. पिता से मिली जानकारी और आंदोलन में भाग लेने की वजह से उन्हें कृषि कानून की जानकारी मिली है. लोगों को खुद कृषि कानून की जानकारी लेनी चाहिए और अपने बच्चों को भी इसकी जानकारी देनी चाहिए.

टिकैत को वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र नहीं दिया

अंगद ने बताया कि एक दिन का प्रवक्ता बनाए जाने पर वो अस्पताल गए. किसान नेता राकेश टिकैत ने वहां कोविड वैक्सीनेशन कराया था, लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिया गया.

पढ़ेंः सीएम गहलोत के 3 महीने बाद घर से बाहर निकलने पर BJP का कटाक्ष, कहा- क्वॉरेंटाइन खत्म, अब तो कर दो मंत्रिमंडल विस्तार

अंगद ने अस्पताल जाकर चिकित्सा कर्मियों से राकेश टिकैत का वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मांगा तो उन्होंने असमर्थता जता दी और कहा कि आप मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय जा कर लीजिए. इस पर अंगद ने कहा कि जब इतने बड़े नेता का सर्टिफिकेट आप नहीं दे सकते तो आम लोग सीएमओ ऑफिस के कैसे चक्कर काटेंगे.

भरतपुर. कृषि कानूनों के विरोध में देश के किसान लंबे समय से गाजीपुर बॉर्डर और अन्य क्षेत्रों में आंदोलन कर रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में यह आंदोलन लंबे समय से चल रहा है. हाल ही में तीन दिन पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने भरतपुर की न्यू पुष्प वाटिका कॉलोनी निवासी 8 साल के बालक अंगद सिंह को गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का 1 दिन का प्रवक्ता बनाया था.

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किसान आंदोलन के बारे में जानकारी, बेबाक बातचीत और वैचारिक समृद्धता ने अंगद को रातोंरात 'लिटिल फार्मर लीडर' के रूप में पहचान दिला दी. भरतपुर लौटने पर अंगद ने कहा कि आंदोलन के दौरान 500 किसान शहीद हो गए, लेकिन केंद्र सरकार ने शोक व्यक्त भी नहीं किया. ट्विटर पर ट्वीट कर के भी शोक जता सकते थे लेकिन नहीं किया.

किसान आंदोलन में 1 दिन का प्रवक्ता बना 8 साल का अंगद

अंगद सिंह ने केंद्र सरकार को लेकर कहा कि आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे दिलों में है, लेकिन उन्होंने कृषि कानून गलत बना दिए हैं. मोदी जी यदि काले कानून वापस ले लें और एमएसपी की गारंटी दे दें तो आगे भी हम मोदी को वोट दे सकते हैं.

उत्तर प्रदेश में भी करेंगे आंदोलन

अंगद ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल में भाजपा के खिलाफ विरोध किया और किसानों की जीत हुई. उत्तर प्रदेश में भाजपा का विरोध करेंगे और किसानों को वहां भी जीत मिलेगी. अंगद ने देश के किसानों से कृषि बिल पढ़ने और उसे समझने की अपील की है.

पिता के साथ एक लाख किमी का सफर

अंगद ने कहा कि उसने अपने पिता नरेंद्र के साथ आंदोलन के दौरान करीब एक लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. पिता से मिली जानकारी और आंदोलन में भाग लेने की वजह से उन्हें कृषि कानून की जानकारी मिली है. लोगों को खुद कृषि कानून की जानकारी लेनी चाहिए और अपने बच्चों को भी इसकी जानकारी देनी चाहिए.

टिकैत को वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र नहीं दिया

अंगद ने बताया कि एक दिन का प्रवक्ता बनाए जाने पर वो अस्पताल गए. किसान नेता राकेश टिकैत ने वहां कोविड वैक्सीनेशन कराया था, लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिया गया.

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अंगद ने अस्पताल जाकर चिकित्सा कर्मियों से राकेश टिकैत का वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मांगा तो उन्होंने असमर्थता जता दी और कहा कि आप मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय जा कर लीजिए. इस पर अंगद ने कहा कि जब इतने बड़े नेता का सर्टिफिकेट आप नहीं दे सकते तो आम लोग सीएमओ ऑफिस के कैसे चक्कर काटेंगे.

Last Updated : Jul 1, 2021, 10:53 PM IST
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