भरतपुर. जहरीली शराब ने यूपी और एमपी के बाद भरतपुर जिले के रूपवास थानाक्षेत्र में कहर बरपाया. रूपवास क्षेत्र के गांव चक सामरी में जहरीली शराब ने 7 लोगों की जिंदगी लील ली. भरतपुर जिले में 24 घंटे के भीतर हुए इस दुखद शराब दुखांतिका पर एक्शन लेते हुए सीएम अशोक गहलोत ने पुलिस और आबकारी विभाग के 16 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही क्षेत्र के एसडीएम को एपीओ करते हुए मामले की जांच संभागीय आयुक्त को सौंप दी है. गहलोत सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कड़ा संदेश दिया है. इस पूरे मामले पर सरकार की कार्रवाई के बीच भाजपा लगातार हमलावर बनी रही.
चकसामरी में जहरीली शराब से मौत का तांडव बुधवार दोपहर से सामने आने लगा था. यहां जहरीली शराब के कारण शुरुआत में 2 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 5 लोग बीमार थे. लेकिन, रात होते-होते संख्या चार पर पहुंच गई. गुरुवार सुबह तक जहरीली शराब ने 7 लोगों की जिंदगियों को छीन लिया था. जहरीली शराब के कहर के बाद भरतपुर जिले से लेकर जयपुर बैठे आलाधिकारी घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े. अधिकारी मीडिया के सवालों से दूरी बनाए रहे.
वहीं, विपक्ष के रूप में भाजपा लगातार सरकार पर हमले करती रही. मामले की गंभीरता को देखते हुए शाम को गहलोत सरकार ने बड़ी कार्रवाई की. जिसमें घटना के लिए दोषी मानते हुए 3 पुलिसकर्मी और जिला आबकारी अधिकारी समेत आबकारी विभाग के 13 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया. साथ ही रूपवास एसडीएम को एपीओ किया गया है. इस पूरे मामले की जांच भरतपुर के संभागीय आयुक्त को सौंपी गई है, साथ ही दुखांतिका में मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और पीड़ितों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं.
जहरीली शराब से मौत होना दुखद: महेश जोशी
भरतपुर जिला प्रभारी मंत्री महेश जोशी ने बयान जारी करते हुए कहा कि जहरीली शराब से मौत होना दुखद है. जिले में जहरीली शराब बिक्री नहीं होने दी जाएगी. इस पूरे मामले में आबकारी विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस को जहरीली शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
सरकार ने पिछली घटनाओं से सबक नहीं लिया: पूनिया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार ने पिछली घटनाओं से सबक नहीं लिया, जिसके चलते एक बार फिर इस प्रकार की घटना सामने आई है. उन्होंने कहा कि अब इस बारे में सरकार की ओर से बयान जारी करने की बजाय, ठोस कार्य योजना बनाकर इस प्रकार की घटनाओं को अंकुश लगाना चाहिए.
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ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति जब ही रुकेगी तब शराब माफियाओं और प्रशासन के पूरे गठजोड़ को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार कोई ठोस व सख्त कदम उठाएगी। मेरी @RajGovOfficial से मांग है कि वह इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाये और पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करें।@BJP4Rajasthan
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प्रदेश में शराब माफिया बेखौफ है: राजेंद्र राठौड़
मामले को लेकर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में शराब माफिया बेखौफ है, उनके इशारे पर ही प्रशासन काम कर रहा है. प्रदेशभर में अवैध काम खुलकर हो रहे हैं और सरकारी तंत्र ठोस कार्रवाई करने की बजाय खामोश बैठा है. जिसका खामियाजा निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ रहा है. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति तब ही रुकेगी जब शराब माफियाओं और प्रशासन के पूरे गठजोड़ को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार कोई ठोस व सख्त कदम उठाएगी.