भरतपुर. शहरवासियों के लिए रात के वक्त घर आने-जाने में किसी प्रकार की समस्या ना हो. इसके लिए पूरे शहर में करीब साढ़े 24 हजार स्ट्रीट लाइट लगी हुई हैं. इन सभी स्ट्रीट लाइट का रखरखाव का जिम्मा भरतपुर नगर निगम के पास है. निगम के अधिकारियों का दावा है कि स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायत मिलने के 48 घंटे में उसे ठीक कर दिया जाता है. लेकिन हकीकत में शहर की करीब 5 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट इन दिनों खराब पड़ी हैं, जिसके चलते कई कॉलोनियां रात भर अंधेरे में डूबी रहती हैं.
इतना ही नहीं शहर भर से हर दिन नगर निगम की हेल्पलाइन पर स्ट्रीट लाइट खराब होने की करीब 400 शिकायतें हर दिन मिलती हैं, जिनको ठीक होने में कई कई दिन गुजर जाते हैं. सूत्रों की मानें तो कई स्ट्रीट लाइटों को तो नगर निगम इसलिए ठीक नहीं कराता क्योंकि उनसे बिजली चोरी की जा रही है.
नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि पूरे शहर की कॉलोनियों और सड़कों पर करीब साढ़े 24 हजार स्ट्रीट लाइट हैं. यदि इनमें किसी भी प्रकार की कोई खराबी होती है तो नगर निगम की लाइट विंग इसे अधिकतम 48 घंटे में ठीक कर देती है. हालांकि, कई बार ऐसा भी होता है कि शिकायत मिलने के सिर्फ 24 घंटे में इनको ठीक कर दिया जाता है.
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हकीकत में 5 प्रतिशत लाइट खराब नगर निगम के दावे की हकीकत जानने के लिए जब ईटीवी भारत ने रात के समय शहर के कई इलाकों का दौरा किया तो कई इलाके अंधेरे में डूबे हुए नजर आए. इनमें किला क्षेत्र, नदिया मोहल्ला, नमक कटरा, खिन्नी घाट, नीम द गेट, कुम्हेर गेट, राजेंद्र नगर, रोज विला और न्यू सिविल लाइन की गलियां अंधेरे में डूबी मिली. खुद नगर निगम के अधिकारियों का भी मानना है कि शहर की 1225 स्ट्रीट लाइट खराब हैं.
सता रहा दुर्घटना और चोरी का डर
शहर की न्यू सिविल लाइन कॉलोनी निवासी विकास ने बताया कि उनकी गली की स्ट्रीट लाइट बीते काफी समय से खराब पड़ी है. इसको लेकर उन्होंने जिम्मेदारों को शिकायत भी दर्ज कराई. लेकिन अभी तक स्ट्रीट लाइट ठीक नहीं हो पाई है, जिसके चलते उन्हें रात के समय घर आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. साथ ही अंधेरे की वजह से दुर्घटना और घरों में चोरी होने का डर भी सताता है. रोज विला निवासी अमित ने बताया कि उनकी कॉलोनी की कई स्ट्रीट लाइट काफी समय से खराब हैं.
बिजली चोर लगा रहे निगम को लाखों का चूना
कनिष्ठ अभियंता धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि नगर निगम की स्ट्रीट लाइटों से शहर के करीब 83 अलग-अलग क्षेत्रों में बिजली चोरी करने के मामले सामने आए हैं. इन क्षेत्रों में करीब 2700 से अधिक स्ट्रीट लाइट से लोग बिजली चोरी कर रहे हैं. बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम ने इन क्षेत्रों को चिन्हित कर बीईएसएल बिजली कंपनी को इनकी सूची भेज दी है. बीईएसएल कंपनी और नगर निगम मिलकर इन बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
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कनिष्ठ अभियंता धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि नगर निगम की स्ट्रीट लाइट का औसतन हर माह 47 लाख रुपए का बिजली बिल आना चाहिए. लेकिन शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट से बिजली चोरी की वजह से हर माह करीब 75 लाख रुपए का बिजली बिल आ रहा है. इससे नगर निगम को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. सूत्रों की मानें तो शहर के कई क्षेत्रों की स्ट्रीट लाइटों को तो नगर निगम बिजली चोरी की शिकायतों के चलते ही ठीक नहीं कराता, जिसका खामियाजा अन्य लोगों को भुगताना पड़ रहा है.