भरतपुर. जिले के बयाना-भरतपुर स्टेट हाईवे स्थित बीरमपुरा गांव में शुक्रवार रात को एक होटल पर ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच हुए झगड़े के मामले में पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने झील चौकी प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है. वहीं पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने के विरोध में कई गांव के लोगों ने लहचोरा कला गांव पर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही पुलिस के उच्चाधिकारियों से लाइन हाजिर किए गए पुलिसकर्मियों को वापस झील चौकी लगाने की मांग की है. साथ ही पुलिसकर्मियों पर लगाए गए सभी आरोपों को गलत बताया है.
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3 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
बयाना सीईओ अजय शर्मा ने बताया कि बीरमपुरा गांव में ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच हुए झगड़े की जांच की जा रही है. वहीं, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई के निर्देश पर झील चौकी प्रभारी सहायक उप निरीक्षक अनिल कुमार, कॉन्स्टेबल सुरेंद्र और जागन को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
पुलिस के समर्थन में उतरे ग्रामीण
पुलिसकर्मियों पर की गई कार्रवाई के विरोध में रविवार को लहचोरा कला गांव में कई गांव के लोगों ने प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का कहना था कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई सरासर गलत है, जबकि वो तो कोविड गाइडलाइन की पालना करा रहे थे.
नगला बीजा निवासी नेत्रपाल का कहना था कि पुलिसकर्मी ब्रह्मपुरा के जिस होटल पर कोविड गाइडलाइन की पालना कराने गए थे. वहां आए दिन जुआ, सट्टा खेला जाता है और अवैध शराब की बिक्री होती है. ऐसे में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए नियमों की पालना कराने वाले पुलिसकर्मियों खिलाफ की गई कार्रवाई सरासर गलत है.
वहीं, सालाबाद निवासी असलम खान ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की ओर से लाइन हाजिर किए गए सभी पुलिसकर्मियों को वापस झील चौकी पर तैनात किया जाए. मांग नहीं मानने पर ग्रामीणों ने रोड जाम करने की चेतावनी भी दी है. पुलिसकर्मियों के समर्थन में सालाबाद, नगला बीजा, लहचोरा कला, खेरली गडासिया और फरसों गांव के सरपंच व ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन दिया है.
गौरतलब है कि शुक्रवार रात को बीरमपुर गांव के एक होटल पर ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच झगड़ा हो गया था. जिसके अगले दिन शनिवार को ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर बेवजह मारपीट करने का आरोप लगाते हुए बयाना थाने में मामला दर्ज कराया था. वहीं, पुलिसकर्मियों ने भी ग्रामीणों पर राजकार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था.