भरतपुर. आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक किया और उसके बाद 10 लाख रुपए सालाना पैकेज पर प्राइवेट नौकरी भी मिली लेकिन प्राइवेट नौकरी से संतुष्टि नहीं मिली. ऐसे में आईएएस बनने की इच्छा जागी और तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया यूपीएससी में 192वी रैंक हासिल की. सफलता की यह कहानी है भरतपुर जिले के बयाना तहसील के फरसो गांव निवासी गौरव अग्रवाल की.
गौरव अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने कैमिकल साइंस में आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक के बाद 10 लाख रुपए सालाना पैकेज पर जयपुर में उन्हें नौकरी मिल गई लेकिन इससे भी संतुष्टि नहीं मिली. सिर्फ 9 महीने बाद ही नौकरी छोड़ दी.
गौरव ने बताया कि आईएएस बनने की इच्छा हुई और वर्ष 2017 में यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. इसके लिए उन्होंने कुछ समय तक दिल्ली में कोचिंग भी की और उसके बाद घर पर ही सेल्फ स्टडी शुरू की. गौरव ने बताया कि यूपीएससी के प्रथम प्रयास में उनका प्री एग्जाम क्लियर नहीं हुआ, तो दूसरे प्रयास में मेन्स एग्जाम में पास नहीं हो पाए, लेकिन हार नहीं मानी और फिर तीसरे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया यूपीएससी में 192वी रैंक हासिल की है.
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अपनी सफलता के पीछे परिजनों और गुरुजनों को श्रेय देते हुए गौरव अग्रवाल ने कहा कि जब उन्होंने प्राइवेट नौकरी छोड़कर यूपीएससी करने की सोची तो परिजनों का एक ही कहना था कि तुम्हें जो अच्छा लगे वही करो. गौरव अग्रवाल के पिता जगदीश प्रसाद अग्रवाल बयाना कस्बे की शिवगंज अनाज मंडी में आढ़ती हैं, जबकि माता आशा देवी गृहणी हैं.
गौरव अग्रवाल ने यूपीएससी समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को मैसेज देते हुए कहा कि प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल करने का सबसे बड़ा मूल मंत्र है सिनसियरिटी से तैयारी करें और धैर्य रखें. गौरव ने बताया कि कोरोना टाइम में उन्होंने किताबों के साथ ही ऑनलाइन स्टडी भी की. यूपीएससी में 192वीं रैंक हासिल करने वाले गौरव अग्रवाल ने युवाओं के लिए एक और खास मैसेज दिया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान सोशल मीडिया से उचित दूरी बनाकर रखें और सकारात्मकता बनाए रखें.