भरतपुर. 35 साल बाद आखिर मानसिंह और उनके परिजनों को न्याय मिल गया. उत्तर प्रदेश के मथुरा न्यायालय में बुधवार को मानसिंह हत्याकांड के सभी 11 दोषियों को आजीवन कारावास व आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है. हत्यारों को सजा मिलने के बाद उनकी बेटी कृष्णेंद्र कौर दीपा और नवासे दुष्यंत सिंह ने न्यायालय के फैसले पर खुशी जताई है.
गौरतलब है कि मंगलवार को मथुरा न्यायालय ने 11 आरोपियों को धारा 148, 149 और 302 के तहत दोषी मानते हुए फैसला सुनाया था. जिसके बाद बुधवार को न्यायालय ने दोषियों की सजा के लिए सुनवाई की और सभी 11 आरोपियों को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है.
इनको आजीवन कारावास...
जानकारी के अनुसार तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह, जीवनराम, जगमोहन, भंवर सिंह, हरि सिंह, शेर सिंह, छतर सिंह, पदमाराम और रवि शेखर मिश्रा को 148, 149, 302 में सजा हुई और बुधवार को इन सभी को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है.
यह थी घटना...
20 फरवरी 1985 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर कांग्रेसी प्रत्याशी विजेंद्र सिंह के समर्थन में डीग में एक जनसभा को संबोधित करने आए थे. उस समय मानसिंह का हनुमान जी की तस्वीर वाला पीले रंग का झंडा डीग के किले की लक्खा बुर्ज पर लहराता था. किसी कांग्रेसी समर्थक ने वो झंडा हटाकर कांग्रेस का झंडा लगा दिया. जिसके बाद मानसिंह को घटनाक्रम की जानकारी मिली तो इससे वे काफी नाराज हुए.
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जिसके बाद मान सिंह ने अपनी जीप (जोंगा) से टक्कर मारकर लक्ष्मण मंदिर के पास मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के मंच को तोड़ दिया. उसके बाद डीग के स्कूल में मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का हेलीकॉप्टर खड़ा था. उसे भी जोंगा से क्षतिग्रस्त कर दिया. इस घटना से नाराज होकर मुख्यमंत्री माथुर ने मान सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.
घेरकर की गोलीबारी...
अगले दिन 21 फरवरी को राजा मान सिंह अपने समर्थकों के साथ जोंगा से कोतवाली थाना जा रहे थे. उस समय पुलिस ने इनके जोंगा को घेर लिया और गोलीबारी कर दी. जिसमें राजा मान सिंह, सुमेर सिंह और हरि सिंह मारे गए.