अलवर. राजस्थान के औद्योगिक राजधानी के नाम से भी अलवर जिले को जाना जाता है. यहां छोटे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 15000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें लाखों श्रमिक काम करते हैं. लॉकडाउन के दौरान जिले में रहने वाले हजारों श्रमिक अपने घर लौट गए, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद लगातार श्रमिकों का वापस काम पर लौटने का सिलसिला जारी है.
इस बीच विभिन्न राज्यों में, शहर में रहने वाले अलवर के श्रमिक भी अब घर लौटने लगे हैं. सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो करीब एक लाख 12 हजार श्रमिक घर लौटे हैं. जबकि जिले में एक लाख 30 हजार श्रमिकों के श्रमिक कार्ड बने हुए हैं. ऐसे में अभी नरेगा योजना के तहत करीब 70 से 80 हजार श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है. ऐसे में साफ है कि अब भी बड़ी संख्या में श्रमिक रोजगार के लिए परेशान हो रहे हैं.
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हालांकि श्रम विभाग के पास अभी तक कोई जानकारी नहीं है कि कितने श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. श्रम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 50,000 से अधिक श्रमिकों का डाटा ऑनलाइन किया गया है. जल्द ही अन्य श्रमिकों का डाटा भी ऑनलाइन किया जाएगा. कुछ समय बाद श्रमिकों की पूरी जानकारी विभाग के पास रहेगी. लेकिन अभी विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है.
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वहीं दूसरे राज्यों से राजस्थान में आने वाले श्रमिकों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी रहेगा. इससे प्रत्येक श्रमिक की जानकारी विभाग में सरकार के पास रहेगी. विभाग के अधिकारियों ने कहा कि कुछ नए पोर्टल शुरू किए गए हैं, जिनमें लगातार जानकारियां डाली जा रही हैं. श्रमिकों को सरकारी योजनाओं के तहत पूरा लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.