अलवर. प्रदेश में अलवर का परिवहन कार्यालय जयपुर के बाद सबसे ज्यादा राजस्व सरकार को देता है. अलवर से नेशनल हाईवे और राज्य हाईवे गुजरते हैं. इसके अलावा शाहजहांपुर जैसे बड़े टोल और चेक पोस्ट अलवर क्षेत्र में आते हैं. जहां से प्रतिदिन बड़ी संख्या में रेवेन्यू कलेक्शन रहता है. राजस्थान में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा वाहन भी अलवर आरटीओ क्षेत्र में रजिस्टर्ड होते हैं. ऐसे में सरकार की सीधी नजर अलवर पर रहती है.
कोरोना काल में वैसे तो सभी प्रभावित हुए हैं. सरकार का राजस्व घटकर 40 प्रतिशत रह गया है. लेकिन बीते कुछ दिनों से लगातार कर्मचारी और उनके परिजनों के कोरोना पॉजिटिव आने के कारण परिवहन विभाग में कामकाज ठप हो गया था, वो फिर से शुरू होने लगा है. ऐसे में दूर-दराज के गांव से विभिन्न काम के लिए आने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए कामकाज किया जा रहा है.
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अलवर के परिवहन कार्यालय में प्रतिदिन 200 के आसपास लाइसेंस बनते हैं. दूर-दराज से लोग लाइसेंस बनवाने के लिए आते हैं. इसके अलावा वाहनों के रजिस्ट्रेशन और नंबर प्लेट फिटनेस सहित अन्य प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. आरटीओ विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मास्क का उपयोग करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के सभी कर्मचारी व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा लोगों से दूरी रखने के लिए भी कहा गया है. क्योंकि आरटीओ विभाग के कार्यालय में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग दूर-दराज के क्षेत्रों से आते हैं.
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हालांकि विभाग की तरफ से ऑफिस के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग सहित अन्य कार्य भी किए जा रहे हैं. इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आने वाले लोगों को अलग-अलग समय पर बुलाया जाता है. दरअसल, ऑनलाइन लाइसेंस के लिए अप्लाई करते समय उनको निर्धारित समय दिया जाता है. उस समय पर आवेदनकर्ता को आना पड़ता है. बीते कुछ दिन से परिवहन कार्यालय में कामकाज पूरी तरीके से ठप था. ऐसे में यहां आने वाले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही थी. हालात सामान्य होने से लोगों को राहत मिली है.