ETV Bharat / city

अलवर: मांसाहारी के बाद सरिस्का में अब शाकाहारी वन्यजीवों की गणना शुरू

अलवर के सरिस्का बाघ परियोजना में वन्यजीवों की गणना की जा रही है. जिसके लिए वन विभाग ने सभी 6 रेजों में 204 ट्रांजिट लाइन तैयार की है. मांसाहारी जानवरों की गणना पूरी होने के बाद अब शाकाहारी जानवरों की गणना की जा रही है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि 8 जून तक चलने वाली इस गणना में चीतल, सांभर सहित वनस्पतियों की गणना होगी. गणना कैमरा ऐप से की जा रही है.

rajasthan news, अलवर की खबर
सरिस्का में शाकाहारी वन्यजीवों की गणना हुई शुरू
author img

By

Published : Jun 6, 2020, 7:08 AM IST

अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना में इन दिनों वन्यजीवों की गणना चल रही है. मांसाहारी के बाद शाकाहारी वन्यजीवों की गणना शुरू हुई है. इसके लिए सभी छह रेंज में 204 ट्रांजिट लाइन तैयार की गई है. अलवर का सरिस्का देश-विदेश में अपनी विशेष पहचान रखता है. यहां बड़ी संख्या में पैंथर, हिरण, बारहसिंघा, नीलगाय, भालू, बाघ और अन्य हजारों वन्यजीव हैं. जिनको देखने के लिए देसी विदेशी पर्यटक साल भर सरिस्का आते हैं. हर साल मानसून से पहले सरिस्का प्रशासन की तरफ से वन्यजीवों की गणना की जाती है.

सरिस्का में शाकाहारी वन्यजीवों की गणना हुई शुरू

बता दें कि 1 जून से 4 जून तक सरिस्का में मांसाहारी जानवरों की गणना हुई. उसके बाद 8 जून तक शाकाहारी वन्यजीवों और वनस्पति की गणना की जा रही है. इसके लिए जंगल की सभी 6 रेंज सदर, टहला, ताल वृक्ष, अकबरपुर, अजबगढ़ और अलवर बफर जोन में 102 बीट बनाई गई है. प्रत्येक बीट में 2 ट्रांजिट लाइन है. इस तरह जंगल में 206 ट्रांजिट लाइन बनाई गई है. जहां पर वन कर्मी चलकर इसके आस-पास दिखाई देने वाले शाकाहारी वन्यजीवों के साक्ष्य जुटा रहे हैं. इसी तरह जंगल में वनस्पति का डाटा भी तैयार किया जा रहा है. 4 दिन तक मांसाहारी जीवों के पग मार्क लिए गए. उसके बाद ये प्रक्रिया शुरू हुई है.

सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि पांचवें दिन ट्रांजिट लाइन पर शाकाहारी वन्यजीवों की गणना शुरू हुई. 8 जून तक चलने वाली इस गणना में चीतल सांभर सहित वनस्पतियों की गणना होगी. गणना कैमरा ऐप से की जा रही है. गणना के दौरान वन कर्मियों को शीतल के झंडे नजर आए. इसके अलावा गणना में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं चल सकेगी. सरिस्का में तेजी से वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही है.

पढ़ें- अलवर: 7 साल की मासूम से दुष्कर्म का आरोपी 4 घंटे में गिरफ्तार

हर साल लगातार सरिस्का में वन्यजीवों की गणना की जाती है. इसकी जानकारी वन विभाग के मुख्यालय में दी जाती है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि सभी वन गणना में लगे कर्मियों के मोबाइल में विशेष एप डाउनलोड कराया गया है. उस एप में वन्यजीवों की फोटों खींचने के अलावा साक्ष्य के आधार पर पूरी जानकारी ऑनलाइन अपलोड करनी होगी.

अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना में इन दिनों वन्यजीवों की गणना चल रही है. मांसाहारी के बाद शाकाहारी वन्यजीवों की गणना शुरू हुई है. इसके लिए सभी छह रेंज में 204 ट्रांजिट लाइन तैयार की गई है. अलवर का सरिस्का देश-विदेश में अपनी विशेष पहचान रखता है. यहां बड़ी संख्या में पैंथर, हिरण, बारहसिंघा, नीलगाय, भालू, बाघ और अन्य हजारों वन्यजीव हैं. जिनको देखने के लिए देसी विदेशी पर्यटक साल भर सरिस्का आते हैं. हर साल मानसून से पहले सरिस्का प्रशासन की तरफ से वन्यजीवों की गणना की जाती है.

सरिस्का में शाकाहारी वन्यजीवों की गणना हुई शुरू

बता दें कि 1 जून से 4 जून तक सरिस्का में मांसाहारी जानवरों की गणना हुई. उसके बाद 8 जून तक शाकाहारी वन्यजीवों और वनस्पति की गणना की जा रही है. इसके लिए जंगल की सभी 6 रेंज सदर, टहला, ताल वृक्ष, अकबरपुर, अजबगढ़ और अलवर बफर जोन में 102 बीट बनाई गई है. प्रत्येक बीट में 2 ट्रांजिट लाइन है. इस तरह जंगल में 206 ट्रांजिट लाइन बनाई गई है. जहां पर वन कर्मी चलकर इसके आस-पास दिखाई देने वाले शाकाहारी वन्यजीवों के साक्ष्य जुटा रहे हैं. इसी तरह जंगल में वनस्पति का डाटा भी तैयार किया जा रहा है. 4 दिन तक मांसाहारी जीवों के पग मार्क लिए गए. उसके बाद ये प्रक्रिया शुरू हुई है.

सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि पांचवें दिन ट्रांजिट लाइन पर शाकाहारी वन्यजीवों की गणना शुरू हुई. 8 जून तक चलने वाली इस गणना में चीतल सांभर सहित वनस्पतियों की गणना होगी. गणना कैमरा ऐप से की जा रही है. गणना के दौरान वन कर्मियों को शीतल के झंडे नजर आए. इसके अलावा गणना में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं चल सकेगी. सरिस्का में तेजी से वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही है.

पढ़ें- अलवर: 7 साल की मासूम से दुष्कर्म का आरोपी 4 घंटे में गिरफ्तार

हर साल लगातार सरिस्का में वन्यजीवों की गणना की जाती है. इसकी जानकारी वन विभाग के मुख्यालय में दी जाती है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि सभी वन गणना में लगे कर्मियों के मोबाइल में विशेष एप डाउनलोड कराया गया है. उस एप में वन्यजीवों की फोटों खींचने के अलावा साक्ष्य के आधार पर पूरी जानकारी ऑनलाइन अपलोड करनी होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.