अलवर. जिले के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन का निरीक्षण करने पहली बार केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार गुरुवार को अलवर आएंगे. ऐसे में अन्य मेडिकल कॉलेजों की तरह इसे संचालित करने के प्रयास तेज हो सकते हैं. आगामी 7 दिन में यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय किया गया है. फिलहाल, कोरोना महामारी में मेडिकल कॉलेज को कोरोना मरीजों के लिए शुरू करने की योजना है.
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बता दें, 900 करोड़ रुपए की लागत से बना ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज (ESIC Medical College) करीब 4 साल बंद रहा. एक साल पहले इसे शुरू किया गया. लंबे समय तक केवल डिस्पेंसरी जैसे हालात हैं. बीते दिनों के लिए ईएसआईसी ने इसको शुरू करने का फैसला लिया. इसके बाद यहां डॉक्टर और अन्य स्टाफ को रखा गया, लेकिन उसके बाद भी स्टाफ और मशीनों की कमी है. सांसद बालकनाथ के कहने पर ईएसआईसी के अधिकारियों ने कॉलेज का निरीक्षण किया. इसके बाद यहां पर 200 बेड ऑक्सीजन आईसीयू शुरू करने का फैसला लिया गया.
सांसद बालकनाथ योगी का कहना है कि ईएसआईसी मेडिल कॉलेज को 500 बेड कार हाॅस्पिटल के रूप में चालू किया जा सकता है ताकि इस महामारी में आमजन को लाभ मिल सके. यहां जरूरत के अनुसार स्टाफ और उपकरण मुहैया होंगे, तब कोरोना के संक्रमितों को यहां ऑक्सीजन बेड के अलावा आइसीयू बेड भी मिलेंगे. एक्सपर्ट डॉक्टर के जरिए अन्य बीमारी के मरीजों को भी इलाज मिल सकेगा.
हालांकि, ईएसआई हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट, मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाए जाना इत्यादि शामिल है. सांसद का कहना है कि जिले भर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास में लगे हुए हैं.
बीते दिनों सांसद बालकनाथ के कहने पर श्रम एवं रोजगार विभाग के टीम ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. दो दिन बाद ही अब केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज (ESIC Medical College) का निरीक्षण करने आ रहे हैं. जिससे लगता है कि अब मेडिकल कॉलेज बड़े स्तर पर शुरू करने की योजना है. इस कॉलेज के शुरू होने से अलवर की 40 लाख से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिलेगा.