अलवर. पूरे देश में लगातार कोरोना का संक्रमण फैलता जा रहा है. सबसे ज्यादा लोग मंदिरों में पहुंचते हैं. ऐसे में सरकार की तरफ से मंदिर, मस्जिद और चर्च सहित सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया था. लंबे समय से धार्मिक स्थल बंद थे. ऐसे में लोगों को पूजा पाठ करने से धार्मिक अनुष्ठान में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लोगों ने जन्माष्टमी और सावन के सोमवार सहित प्रमुख व्यवहार अपने घरों में मनाए. ऐसे में मंदिर सुने रहे और मंदिरों पर ताला लटका रहा.
वहीं, सरकार की तरफ से मंदिरों को खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई है. मंदिर में आने वाले लोगों की संख्या के हिसाब से मंदिरों को खोला जा रहा है. अलवर के त्रिपोलिया महादेव मंदिर में अलवर के आस-पास शहरों से बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं. ऐसे में 7 सितंबर को मंदिर खोलने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन मंदिर समिति की तरफ से 30 सितंबर तक मंदिर बंद रखने का फैसला लिया गया है.
शनिवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान त्रिपोलिया मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार ने मंदिर खोलने के साथ कुछ गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन के तहत मंदिर में लोग पानी, पुष्प और प्रसाद भगवान को नहीं चढ़ा सकते हैं, लेकिन अलवर का त्रिपोलिया महादेव मंदिर जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए विशेष स्थान रखता है और इसका खास महत्व है. यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आते हैं. ऐसे में सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं हो पाएगा. मंदिर में व्यवस्था बनाने के लिए मंदिर समिति की तरफ से मंदिर को 30 सितंबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया है.
मंदिर के महंत जितेंद्र खेड़ापति ने कहा कि सरकार की तरफ से कुछ गाइडलाइन जारी की गई है. इन गाइडलाइन के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोग मंदिर में जलाभिषेक नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा प्रसाद और पुष्प चढ़ाने की भी लोगों का अनुमति नहीं दी गई है. ऐसे में अलवर का त्रिपोलिया मंदिर में खासा दिक्कत आ सकती है. क्योंकि ये मंदिर बाजार के बीचो-बीच है और यहां हमेशा भीड़ रहती है जिसके कारण यहां सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं हो पाएगा.
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ऐसे में मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने मंदिर को 30 सितंबर तक बंद रखते हुए मंदिर में व्यवस्था करने का फैसला लिया है. मंदिर में लोग किस तरह से आएंगे औरपूजा करेंगे. इसका फैसला मंदिर पदाधिकारी भामाशाह प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ बातचीत करने के बाद लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार को भी मंदिरों में होने वाली परेशानी को देखते हुए अपनी गाइडलाइन में बदलाव करने चाहिए. तो वहीं, प्रशासन की गाइड लाइन का पूरा पालन हो इसका खास ध्यान रखा जाएगा.