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अलवर: कारगिल और पुलवामा के शहीदों को दीपमाला बनाकर दी गई श्रद्धांजलि - Kargil Victory Day

अलवर में राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा संगठन की ओर से शहीद स्मारक पर कारगिल और पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया. संगठन के सदस्यों ने दीप मालिका सजाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कारगिल विजय दिवस मनाया.

कारगिल विजय दिवस, राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा संगठन, Tribute to Kargil martyrs in Alwar
कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि
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Published : Jul 28, 2020, 7:27 PM IST

अलवर. 21वीं कारगिल विजय दिवस के अवसर पर देश भर में लोगों ने वीर जवानों की शहादत को याद किया. जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए सामाजिक संगठनों की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. वहीं अलवर में राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा संगठन की ओर से मंगलवार को शहीदी स्मारक पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संगठन के सदस्यों ने दीप मालिका सजाकर कारगिल शहीदों और पिछले साल पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई.

कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि

संगठन के सदस्यों ने कहा कि, हमने इस बार निर्णय लिया था कि, शहीदों और कारगिल विजय की याद में न मोमबत्ती जलाएंगे और न पुष्प अर्पित करेंगे. बल्कि दीपक की एक माला बनाएंगे और उसी के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि देकर कारगिल विजय को मनाएंगे. राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन की शालू सोनी ने बताया कि, दीपों के माध्यम से कारगिल विजय लिखा गया है और भारत का नक्शा भी तैयार किया गया है.

ये पढ़ें: अजमेरः रक्षाबंधन पर्व पर फिकी पड़ी घेवर की चमक, कोरोना के चलते नहीं बिक पा रहे घेवर

साथ ही उन्होंने कहा कि, इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि देश में नौकर पैदा न होकर सैनिक पैदा हो और हर मां को अपने बेटे को सेना में भेजकर गर्व हो. साथ ही कहा कि, माताएं ज्यादा से ज्यादा अपने बच्चों को सेना में भेजें ताकि वह देश हित में अपना जीवन भी कुर्बान कर सकें. उन्होंने कहा कि युवा भी खुद की इच्छा से सेना में जा सकते हैं और अपने देश के हित में कुछ कर सकते हैं. क्योंकि सेना के जवान ही देश को पूरी तरह सुरक्षित रखते हैं. उन्होंने कहा कि, यह देश तभी सुरक्षित है तब हमारा सैनिक मनोबल के साथ सुरक्षित और निडर होकर सीमा पर डाटा है.

अलवर. 21वीं कारगिल विजय दिवस के अवसर पर देश भर में लोगों ने वीर जवानों की शहादत को याद किया. जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए सामाजिक संगठनों की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. वहीं अलवर में राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा संगठन की ओर से मंगलवार को शहीदी स्मारक पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संगठन के सदस्यों ने दीप मालिका सजाकर कारगिल शहीदों और पिछले साल पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई.

कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि

संगठन के सदस्यों ने कहा कि, हमने इस बार निर्णय लिया था कि, शहीदों और कारगिल विजय की याद में न मोमबत्ती जलाएंगे और न पुष्प अर्पित करेंगे. बल्कि दीपक की एक माला बनाएंगे और उसी के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि देकर कारगिल विजय को मनाएंगे. राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन की शालू सोनी ने बताया कि, दीपों के माध्यम से कारगिल विजय लिखा गया है और भारत का नक्शा भी तैयार किया गया है.

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साथ ही उन्होंने कहा कि, इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि देश में नौकर पैदा न होकर सैनिक पैदा हो और हर मां को अपने बेटे को सेना में भेजकर गर्व हो. साथ ही कहा कि, माताएं ज्यादा से ज्यादा अपने बच्चों को सेना में भेजें ताकि वह देश हित में अपना जीवन भी कुर्बान कर सकें. उन्होंने कहा कि युवा भी खुद की इच्छा से सेना में जा सकते हैं और अपने देश के हित में कुछ कर सकते हैं. क्योंकि सेना के जवान ही देश को पूरी तरह सुरक्षित रखते हैं. उन्होंने कहा कि, यह देश तभी सुरक्षित है तब हमारा सैनिक मनोबल के साथ सुरक्षित और निडर होकर सीमा पर डाटा है.

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