अलवर. जिले में लॉक डाउन का पूरा असर देखने को मिला. राजस्थान में प्रदेश सरकार की तरफ से लॉक डाउन की घोषणा की गई थी. पहले दिन अलवर के सभी बाजार बंद रहे तो वहीं सड़कें सूनी नजर आईं. अलवर की जनता ने भी लॉक डाउन का समर्थन किया. ऐसे में अलवर जंक्शन भी बंद रहा.
अलवर जंक्शन से प्रतिदिन 80 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं. जिनमें 35 से 40 हजार यात्री सफर करते हैं, लेकिन रविवार को कुछ ट्रेनें जंक्शन से गुजरी. लेकिन उनमें इक्का-दुक्का यात्री ही नजर आए. रेलवे की तरफ से वैसे तो सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, लेकिन जो ट्रेनें रद्द करने की प्रक्रिया से पहले चल चुकी थी, वो ट्रेनें अपने गंतव्य स्थान तक पहुंची हैं.
कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रभाव के कारण रेलवे की तरफ से सभी ट्रेनों को 31 मार्च तक रद्द कर दिया है. दरअसल ट्रेन व बस से ज्यादा संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ था. ऐसे में रेलवे की तरफ से सभी जोन के अधिकारियों पर ट्रेनों के संचालन का फैसला छोड़ा था. जिसके बाद उत्तर पश्चिम रेलवे के जीएम व अन्य अधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई. इसके बाद सभी ट्रेनों को रद्द किया गया.
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शनिवार को रेलवे ने 21 ट्रेनों के रद्द करने की सूचना जारी की थी. लेकिन रविवार को सभी ट्रेनों को रद्द करने की सूचना दी गई. रेलवे की तरफ से जिन ट्रेनों को रद्द किया गया है, उनमें यात्रा करने वाले यात्रियों को रिफंड लेने की सूचना दी जा रही है. यात्री 3 माह के दौरान किसी भी समय अपनी यात्रा टिकट का पैसा रिफंड ले सकते हैं.
लोगों ने ताली, थाली और शंख बजाकर दिया धन्यवाद
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से रविवार को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था. प्रधानमंत्री ने सुबह 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक लोगों से घर में रहने व शाम 5 बजे घर की छत पर चढ़कर थाली बजाने का आह्वान किया था. मोदी जी के आह्वान के अनुसार अलवर की जनता दिन भर घर में रही और शाम को 5 बजते ही लोग अपने घर की छत पर व बालकनी में नजर आए. लोगों ने ताली, थाली, शंख, ढोल, पूपाड़ा सहित कई अन्य वाद्य यंत्र भी लोगों ने जमकर बजाए.