अलवर. राजस्थान के अलवर व भरतपुर जिला एनसीआर का हिस्सा है. दोनों जिलों में व्यापारियों व कारोबारियों को अब प्रदूषण विभाग की एनओसी लेनी होगी. जिनके पास प्रदूषण विभाग की एनओसी नहीं होगी. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसमें खास तौर पर जल एवं वायु प्रदूषणकारी इकाइयों के संचालन के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल से अनुमति अनिवार्य होगी.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले सभी शहरों की औद्योगिक इकाइयां, होटल, मैरिज गार्डन, रेस्टोरेंट, बैक्वेट हॉल, रिसोर्टस, मोटल्स, सहित सभी जल एवं वायु प्रदूषणकारी इकाइयों को संचालित करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अनुमति जरूरी होगी. जिन इकाइयों के पास अभी मंडल की वैध सम्मति (अनुमति) नहीं हैं, वो संचालन की अनुमति प्राप्त करने के लिए सात दिवस के भीतर राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइइन आवेदन करें.
पढ़ें : Pollution Control Board Action in Alwar: क्रेशर और ईंट भट्ठों को सीज कर लगाया जुर्माना
इकाई संचालक इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की सूचना के लिए एनसीआर में स्थित क्षेत्रीय कार्यालय अलवर, भिवाड़ी व भरतपुर कार्यालयों में सम्पर्क (Reason of Pollution in Bharatpur) कर सकते हैं. अनुमति नहीं लेने वाले व्यापारियों व कारोबारियों के खिलाफ आगामी दिनों में सख्त कदम उठाए जाएंगे.
राज्य प्रदूषण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी शरद सक्सैना ने बताया कि मंडल से जिन इकाइयों ने अनुमति प्राप्त की है, लेकिन इकाई के अंदर अन्य किसी प्रकार की अतिरिक्त (Guideline for Merchants in Alwar) गतिविधियां डीजी सेट, मशीनरी बिना अनुमति प्राप्त किए संचालित करने वाली इकाइयों को भी 7 दिन में ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आगामी दिनों में प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से अभियान चलाकर सर्वे कराया जाएगा.
जिसमें बिना अनुमति इकाई चलते पाए जाने पर जल एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि जिन लोगों ने पहले से अनुमति ले रखी है. लेकिन नए जनरेटर या नई गतिविधि कर रहे हैं. उसकी जानकारी भी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को देनी होगी. ऐसा नहीं होने पर जांच पड़ताल के दौरान सख्त कदम उठाए जाएंगे.