अलवर. राजस्थान में अलवर की सिलीसेढ़ झील देश-विदेश में अपनी खास (tourism spots in alwar) पहचान रखती है. साल भर यहां घूमने के लिए पर्यटक आते हैं. सिलीसेढ़ झील (History of Silisedh Lake) अरावली की वादियों से घिरी हुई है. सर्दी के मौसम में यहां का मौसम ज्यादा सुहाना हो जाता है.
दरअसल, कोहरे व सर्दी के चलते अलवर हिल स्टेशन से भी बेहतर विकल्प रहता है. पर्यटक यहां बोटिंग (boating in silisedh lake) करते हैं. सालभर इस झील में पानी रहता है. दिल्ली से अलवर महज 140 किलोमीटर दूर है. ऐसे में यहां पर्यटक आसानी से आते हैं. सिलीसेढ़ झील अपनी सुंदर दृश्यावली, होटल लेक पैलेस, बोटिंग, मत्स्य पालन और मगरमच्छों की उपस्थिति के कारण अलवर के सबसे लोकप्रिय स्थलों में शामिल है.
यह अलवर शहर से लगभग 26 किमी दूर शांत वातावरण में स्थित है. अलवर रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी 24 किमी है. सिलीसेढ़ झील का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो कि यहां से लगभग 160 किमी की दूरी पर स्थित है. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 165 किमी है. अलवर से निजी वाहन करके आसानी से सिलीसेढ़ झील तक पहुंचा जा सकता है.
मीठे पानी की इस झील का निर्माण महाराज विनय सिंह ने सन 1845 में शहर में जल आपूर्ति हेतु करवाया था. पहाड़ों से घिरी इस खूबसूरत झील के किनारे पर महाराज विनय सिंह ने अपनी पत्नी के लिए 6 मंजिला शाही महल का निर्माण करवाया था.
यहां घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों ने कहा कि खूबसूरती के लिए सिलीसेढ़ अन्य जगहों से बेहतर है. यहां हमेशा फॉग रहता है, जिसके चलते यह हील व हील स्टेशन जैसा पर्यटन स्थल बन गया है. लोगों ने कहा कि विशेष तौर पर वे नए साल का जश्न (new year celebration in alwar) मनाने के लिए यहां आए हैं और आगे भी वो सिलीसेढ़ झील में आते रहेंगे. उन्होंने जितना इसके बारे में सुना था, यह उससे ज्यादा खूबसूरत है.