अलवर. लॉकडाउन के दौरान हेयर ड्रेसर, सैलून, पार्लर को पूरी तरह से बंद रखा गया था. दरसअल, सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इन जगहों पर व्यक्ति एक दूसरे के सीधे संपर्क में आता है, जिससे कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए लगातार लॉकडाउन में सभी व्यवसाय को छूट दी जा रही थी. लेकिन सैलून, हेयर ड्रेसर, पार्लर को खोलने की अनुमति नहीं दी गई. 2 महीने से अधिक समय तक यह पूरी तरीके से बंद रहे.
अलवर की बात करें तो अलवर में करीब 500 हेयर ड्रेसर की दुकानें हैं. इसके अलावा 150 से अधिक सैलून और महिला पार्लर हैं, जिनमें रोजाना लाखों का व्यवसाय होता है. एक जगह पर 5 से 6 लोग काम करते हैं. ऐसे में इन लोगों का परिवार इसी व्यवसाय से चलता है. इस हिसाब से अकेले अलवर शहर की बात करें तो करीब 4 हजार से अधिक परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. इसी तरह के हालात अलवर की सभी विधानसभाओं कस्बों के गांव के हैं.
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लॉकडाउन के दौरान इन लोगों का काम पूरी तरीके से ठप हो गया. ऐसे में दुकान और शोरूम का किराया बिजली का बिल, कर्मचारियों का वेतन सहित कई अन्य खर्चे चुकाने के लिए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन लॉकडाउन चार में सरकार ने इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को राहत दी व अपना व्यवसाय शुरू करने की अनुमति दी. अलवर सहित पूरे प्रदेश में सभी जगह पर हेयर ड्रेसर सैलून में महिला ब्यूटी पार्लर खुल चुके हैं.
इस व्यवसाय से जुड़े तरुण गोयल ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान खासा नुकसान हुआ है. कर्मचारियों का वेतन, जगह का किराया, बिजली का बिल सहित कई ऐसे खर्चे हैं, जो उठाने पड़े हैं. इतना ही नहीं व्यवसाय शुरू होने के बाद सभी तरह की सावधानियां बरती जा रही हैं. इसके लिए काम करने वाले लोगों को कोरोना किट, ग्लब्स, मास्क, सेनेटाइजर सहित अन्य चीजें भी उपलब्ध कराई गई हैं.
इन सब चीजों में भी अतिरिक्त खर्चा हो रहा है, इसके अलावा काम पहले की तुलना में बिल्कुल कम हो गया है. इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने बताया की शादी और पार्टियों पर व्यवसाय खासा निर्भर रहता है. अकेले एक सैलून पर मार्च-अप्रैल और मई माह में 100 से अधिक शादियों की बुकिंग थी, जिनमें दुल्हन और दूल्हे का मेकअप होना था. उसके लिए युवाओं ने बुकिंग करा रखी थी. लेकिन शादी पोस्टपोंड होने के कारण अब बुकिंग भी कैंसिल हो गई है. इसी तरह के हालात सभी के हैं.
ऐसे में सरकार को इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों की मदद करनी चाहिए. उनके लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए, जिससे इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को राहत मिल सके. इस मौके पर मौजूद युवतियों ने कहा कि मन में डर रहता है. वो खुद भी पूरी सावधानी बरत रही है, लेकिन पार्लर दिनचर्या में जरूरी हिस्सा बन चुके हैं. इसलिए यहां जाना भी आवश्यक है.