अलवर. जिले के बाला किला घूमने के लिए लोगों को अब पहले की जगह ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा. पर्यटन विभाग की तरफ से बाला किला घूमने का शुल्क बढ़ाने की तैयारी चल रही है. इसको लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है. पुरातत्व विभाग की तरफ से मुख्यालय व सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार की अनुमति मिलते ही वन विभाग व पर्यटन विभाग की तरफ से फीस बढ़ा दी जाएगी.
अलवर का बाला किला देश के विशेष किलों में शामिल है. अलवर के बाला किला में आज तक युद्ध नहीं हुआ था. इसीलिए इस किले को बाला किला नाम दिया गया. यह किला अरावली की वादियों में छिपा हुआ है. विशेष तकनीक से बना हुआ यह किला सुरक्षा के लिहाज से खासा अहम माना गया. सरिस्का के बफर जोन में शामिल होने के कारण वन विभाग की ओर से एंट्री शुल्क के रूप में प्रत्येक भारतीय पर्यटक को 10 रुपए और विदेशी पर्यटक को 200 रुपए की फीस देनी पड़ती है. इसके अलावा दुपहिया और तिपहिया वाहन का 20 रुपए, चौपहिया वाहन का 50 रुपए शुल्क देना पड़ता है. जंगल में सफारी जिप्सी के छह लोगों को 1360 शुल्क देने पड़ते हैं.
पर्यटन व संग्रहालय विभाग की तरफ से 50 रुपए शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके तहत भारतीय पर्यटक को 60 रुपए विदेशी पर्यटक को 250 रुपए, दुपहिया और तिपहिया वाहन से जाने वाले प्रत्येक भारतीय को 80 रुपए व चौपाया वाहन से जाने वाले प्रत्येक भारतीय को 110 रुपए चुकाने होंगे. अभी म्यूजियम देखने के लिए भारतीय पर्यटकों को 20 रुपए और विदेशी पर्यटक को 100 रुपए शुल्क देना है.
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अलवर एनसीआर का हिस्सा है. दिल्ली में जयपुर के मध्य में होने के कारण शनिवार रविवार को हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए अलवर आते हैं. अलवर में सरिस्का नेशनल पार्क सिलीसेढ़ झील अलवर म्यूजियम अलवर सिटी पैलेस सहित 15 से 20 पर्यटन स्थल है. अलवर का म्यूजियम राजस्थान का सबसे बड़ा म्यूजियम है. हर महीने अलवर बाला किला घूमने के लिए आते हैं. लगातार बाला के लिए में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. इसलिए पर्यटन विभाग की तरफ से शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया गया है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सरकार की मंजूरी मिलने के बाद शुल्क बढ़ा दिया जाएगा.