अलवर. अलवर में जेल की खाली जमीन पर प्रदेश सरकार की तरफ से मेडिकल कॉलेज बनाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन कॉलेज की जरूरत के हिसाब से जमीन कम पड़ रही है. ऐसे में मेडिकल विभाग के अधिकारियों की तरफ से ज्यादा जमीन का प्रस्ताव तैयार करके स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय भेजा गया है. साथ ही जमीन की पैमाइश भी शुरू हो चुकी है. अलवर मेडिकल कॉलेज में साल 2022 में कक्षाएं शुरू करने का लक्ष्य है.
अलवर में लंबे समय से प्रदेश सरकार के मेडिकल कॉलेज के लिए प्रक्रिया चल रही है, लेकिन शुरुआत में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के चलते प्रदेश सरकार का मेडिकल कॉलेज अटका हुआ था. अलवर के साथ जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज की घोषणा हुई थी. वहां कॉलेज शुरू हो चुके हैं, लेकिन ईएसआईसी कॉलेज के चलते मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से अलवर में दूसरे मेडिकल कॉलेज की अनुमति नहीं दी गई. केंद्र सरकार की तरफ से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज को शुरू करने की घोषणा की गई है, जिसके बाद प्रदेश सरकार के मेडिकल कॉलेज का रास्ता भी साफ हो चुका है.
कॉलेज के लिए जेल के पीछे खाली पड़ी जमीन पहले ही स्वास्थ्य विभाग के नाम हस्तांतरित हो चुकी है. एक साल पहले यूआईटी की तरफ से 11 एकड़ जमीन राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के नाम हस्तांतरित की गई थी. कॉलेज बनाने की जिम्मेदारी नोएडा की एक कंपनी को दी गई है. कंपनी के इंजीनियरों ने कॉलेज भवन का डिजाइन तैयार किया है, लेकिन जरूरत के हिसाब से जमीन कम पड़ रही है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आसपास खाली पड़ी अन्य जमीन की पैमाइश भी कराई गई है, इसका प्रस्ताव तैयार करके प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भेजा गया है.
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स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की मानें तो जल्द ही मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू हो सकता है. अलवर मेडिकल कॉलेज में साल 2022 में कक्षाएं शुरू होनी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तैयारी की जा रही है. अलवर मेडिकल कॉलेज के लिए नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं. इसके अलावा सरकार की प्रमुखता पर आईडी पर अलवर का मेडिकल कॉलेज है. सब कुछ ठीक रहा, तो जल्द ही मेडिकल कॉलेज के भवन का निर्माण कार्य शुरू होगा.