अलवर. शहर में 300 साल पुराने त्रिपोलिया महादेव मंदिर में शिवरात्रि के मौके पर विशेष पूजा-अर्चना होती है. इस बार शिवरात्रि महोत्सव मंदिर में 3 दिनों तक मनाया जाएगा. इस मंदिर की मान्याता इतनी है कि ना सिर्फ राजस्थान बल्कि दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं.
बता दें कि अलवर के मुख्य बाजार में त्रिपोलिया महादेव मंदिर स्थित है. यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है. पहले यहां राजा-महाराजा पूजा करते थे. उसके बाद पुजारी इस मंदिर की देखभाल करते हैं. यह मंदिर बहुत ही ख्याति प्राप्त मंदिर है. कहते हैं कि यहां सच्चे मन से मांगी हुई सभी मुराद पूरी होती है. इसलिए दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान शिव की दर्शन और पूजा करने के लिए यहां आते हैं. वैसे तो साल भर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन के महीने और शिवरात्रि के मौके पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है.
मनाया जा रहा तीन दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव
इस बार मंदिर प्रशासन की तरफ से मंदिर में तीन दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव मनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत हो चुकी है. शिवरात्रि के मौके पर सुबह से जलाभिषेक होगा और विशेष पूजा अनुष्ठान होंगे. तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत महाआरती से हुई. शिवरात्रि के दिन विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक होगा.
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उसके बाद अगले दिन खप्पर पूजन और प्रसाद वितरण कार्यक्रम होगा. वहीं मंदिर में लोग दूर-दूर से भगवान शिव के दर्शन के लिए आएंगे. श्रद्धालु शिवरात्रि के मौके पर बेलपत्र, दूध, काले तिल, विशेष सामग्री से भगवान शिव की पूजा अर्चना करेंगे.
मंदिर में 300 सौ साल से जल रही ज्योत
मंदिर के महंत जितेंद्र खेड़ापति ने बताया अलवर का त्रिपोलिया मंदिर प्रदेशभर में विशेष स्थान रखता है. वैसे तो यहां साल भर श्रद्धालु आते हैं. लेकिन शिवरात्रि के मौके पर विशेष पूजा-अर्चना होती है. मंदिर में 300 साल से लगातार ज्योत जल रही है. मंदिर में प्रतिदिन विशेष श्रृंगार किया जाता है. त्रिपोलिया मंदिर का श्रृंगार उज्जैन महाकाल अन्य ज्योतिर्लिंगों के समान ही अलग तरह का होता है. इस मंदिर में मांगी हुई सभी मुरादें पूरी होती है. इस मंदिर में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी कई बार जलाभिषेक कर चुकी है.