अलवर. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की विदेश नीति पूरी तरह से फेल है. सभी पड़ोसी देशों से संबंध खराब हैं, जो देश भारत पर निर्भर थे वो आज हावी होने लगे हैं. तालिबान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत को तालिबान पर दबाव बनाना चाहिए. भारत की कई बड़ी योजनाएं अफगानिस्तान में चल रही है, जिनमें सालों से निवेश किया गया है. भारत सरकार को एक मंत्री अफगानिस्तान भेज कर वहां फंसे सभी भारतीयों को वापस लाना चाहिए.
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केंद्र सरकार पर साधा निशाना
रविवार को अलवर शहर के एक कार्यक्रम में शामिल हुए असम के प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि तालिबान के मामले में बड़ी लापरवाही देखने को मिली. देश की इंटेलिजेंस एजेंसी फेल रही. अफगानिस्तान में सालों से देश ने करोड़ों रुपए निवेश किया है, वहां की जरूरत की सड़कें व भवन बनाए गए हैं और बड़ी संख्या में इंजीनियर व लोग भारत के मौजूद हैं. सरकार ने शुरुआत के 3 से 4 दिन तो यह फैसला लेने में लगा दिए कि सरकार को क्या करना चाहिए.
देश की विदेश नीति पूरी तरह से फेल
उन्होंने कहा कि देश की विदेश नीति पूरी तरह से फेल है. नेपाल, अफगानिस्तान, चीन, म्यामार, पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी राज्य से संबंध खराब है. जो देश भारत पर निर्भर थे जिनको भारत ने पनपाया था, आज वो देश भारत को आंख दिखा रहे हैं. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार को मंत्री स्तर के अधिकारियों को अफगानिस्तान भेजना चाहिए और वहां फंसे सभी नागरिकों को वापस देश लाना चाहिए. साथ ही तालिबान पर दबाव बनाना चाहिए क्योंकि अफगानिस्तान में देश का करोड़ों रुपए फंसा हुआ है.
मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद
यूडीएच मंत्री व यूडीएच विभाग के अधिकारी 3 दिनों तक अलवर में रहे. इस पर जितेंद्र सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि पिछली गहलोत सरकार में लोगों को पट्टे दिए गए, उसके बाद पट्टा वितरण कार्यक्रम पूरी तरह से बंद रहा. सरकार ने अब फिर बड़े स्तर पर पट्टे देने का फैसला लिया है. इसके लिए अलवर में सरकार ने योजना बनाई है और इसके लिए अलवर को चुना गया. इसका फायदा अलवर के लोगों को मिलेगा और किफायती दरों पर लोगों को पट्टे दिए जाएंगे. वर्षों से लोग पट्टे का सपना लिए इंतजार कर रहे हैं.
वहीं, रविवार सुबह एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि समाज को बदलने के लिए अपना सहयोग देने की आवश्यकता है. जरूरी नहीं कि हम पैसे से सहयोग करें. जिन लोगों के पास रोजगार नहीं है, जिन परिवार के बच्चे पढ़ाई नहीं करते हैं उनको शिक्षित करने व तकनीकी रूप से ट्रेनिंग देने सहित कई कार्य अपना समय देकर हम कर सकते हैं.
समाज को बदलने के लिए सहयोग की जरूरत
जितेंद्र सिंह ने कहा कि समाज को बदलने के लिए अपना सहयोग करना आवश्यक है. गरीब व बेसहाय लोग जीवन यापन के लिए चोरी व अन्य दूसरे रास्ते अपनाते हैं, ऐसे में समाज के लोगों को मूल धारा से जोड़ने की आवश्यकता है. सड़क पर घूमने वाले बच्चों को शिक्षा देनी चाहिए. जिनके पास रोजगार नहीं है उनको रोजगार से जोड़ना चाहिए. ऐसे में समाज को सही में बदला जा सकता है क्योंकि इस तरह के बच्चे गलत रास्ते पर जाते हैं. वे चोरी करते हैं और नशा करने लगते हैं. उनका बचपन और जीवन खराब होता है.
अधिकारियों को दिए निर्देश
जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने श्रम मंत्री टीकाराम जूली से बातचीत की है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए हैं की गाड़िया लोहार और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों के लिए हॉस्टल व व्यवस्थाएं की जाएंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि चाइल्ड लाइन पर कई संस्थाएं काम कर रही हैं, लेकिन इन लोगों को मूल धारा से जोड़ने के लिए रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक है.
बता दें, अलवर में खुशी नाम की एक संस्था द्वारा झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब परिवारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है. साथ ही नेक कमाई संस्था की तरफ से गरीब बेसहारा महिला व परिवारों को जीवन यापन के लिए उनको रोजगार से जोड़ने के लिए सिलाई मशीन जैसे उपकरण दिए जाते हैं. संस्था की ओर से रविवार को एक कार्यक्रम किया गया, इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और श्रम मंत्री टीकाराम जूली मौजूद रहे.