अलवर. कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सबसे ज्यादा असर मानव जीवन पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. व्यवसाय और काम-धंधे पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से बंद पड़े हैं, जिसके कारण लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसका असर टैक्सी व्यवसाय पर भी पड़ा है.
लॉकडाउन के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मना है. टैक्सियों के रोड पर चलने पर भी पाबंदी है. यात्रा और पर्यटन पूरी तरह से ठप होने के चलते टैक्सियां स्टैंड पर खड़ी धूल फांक रहीं हैं. गुरुवार को अलवर टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष सहित सदस्य कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. उन्होंने आर्थिक सहायता सहित अन्य 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
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अलवर टैक्सी ऑपरेटर यूनियन अध्यक्ष सुरेश चौधरी ने बताया, "कोरोना के चलते टैक्सियां बंद पड़ी है. अन्य काम-धंधे भी बंद पड़े हैं, लेकिन फाइनेंसरों की ओर से रोजाना फोन करके किस्त जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है. जब टैक्सियां ही बंद है तो किस्त कहां से जमा कराएं. हालात इतने खराब हैं कि दो वक्त की रोटी के लिए भी सोचना पड़ रहा है. इसके अलावा घर के अन्य खर्चा अलग हैं.''
सुरेश चौधरी ने बताया, "दिल्ली सरकार की ओर से टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालक वर्ग को 5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है. हमारा भी सरकार से अनुरोध है कि संकट के समय में कुछ आर्थिक सहायता का पैकेज दिया जाए, जिससे लोगों की स्थितियों में थोड़ा सुधार आए.''