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अलवर: लॉकडाउन ने टैक्सी व्यवसाय की तोड़ी कमर, मुख्यमंत्री से आर्थिक पैकेज की मांग

अलवर में लॉकडाउन ने टैक्सी चालकों की कमर तोड़ कर रख दी है. टैक्सियां स्टैंड पर धूल फांक रही हैं, जिसका सीधा असर चालकों की आजीविका पर पड़ रहा है. गुरुवार को टैक्सी चालकों ने आर्थिक सहायता सहित अन्य 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

Taxi business affected by lockdown, lockdown in alwar
मुख्यमंत्री से आर्थिक पैकेज की मांग
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Published : Jun 3, 2021, 8:30 PM IST

Updated : Jun 3, 2021, 9:03 PM IST

अलवर. कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सबसे ज्यादा असर मानव जीवन पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. व्यवसाय और काम-धंधे पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से बंद पड़े हैं, जिसके कारण लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसका असर टैक्सी व्यवसाय पर भी पड़ा है.

लॉकडाउन से टैक्सी व्यवसाय प्रभावित

लॉकडाउन के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मना है. टैक्सियों के रोड पर चलने पर भी पाबंदी है. यात्रा और पर्यटन पूरी तरह से ठप होने के चलते टैक्सियां स्टैंड पर खड़ी धूल फांक रहीं हैं. गुरुवार को अलवर टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष सहित सदस्य कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. उन्होंने आर्थिक सहायता सहित अन्य 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

पढ़ें- अलवर में नशे के 2 सौदागर गिरफ्तार, प्रतिबंधित दवाइयां भी जब्त

अलवर टैक्सी ऑपरेटर यूनियन अध्यक्ष सुरेश चौधरी ने बताया, "कोरोना के चलते टैक्सियां बंद पड़ी है. अन्य काम-धंधे भी बंद पड़े हैं, लेकिन फाइनेंसरों की ओर से रोजाना फोन करके किस्त जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है. जब टैक्सियां ही बंद है तो किस्त कहां से जमा कराएं. हालात इतने खराब हैं कि दो वक्त की रोटी के लिए भी सोचना पड़ रहा है. इसके अलावा घर के अन्य खर्चा अलग हैं.''

सुरेश चौधरी ने बताया, "दिल्ली सरकार की ओर से टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालक वर्ग को 5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है. हमारा भी सरकार से अनुरोध है कि संकट के समय में कुछ आर्थिक सहायता का पैकेज दिया जाए, जिससे लोगों की स्थितियों में थोड़ा सुधार आए.''

अलवर. कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सबसे ज्यादा असर मानव जीवन पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. व्यवसाय और काम-धंधे पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से बंद पड़े हैं, जिसके कारण लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसका असर टैक्सी व्यवसाय पर भी पड़ा है.

लॉकडाउन से टैक्सी व्यवसाय प्रभावित

लॉकडाउन के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मना है. टैक्सियों के रोड पर चलने पर भी पाबंदी है. यात्रा और पर्यटन पूरी तरह से ठप होने के चलते टैक्सियां स्टैंड पर खड़ी धूल फांक रहीं हैं. गुरुवार को अलवर टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष सहित सदस्य कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. उन्होंने आर्थिक सहायता सहित अन्य 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

पढ़ें- अलवर में नशे के 2 सौदागर गिरफ्तार, प्रतिबंधित दवाइयां भी जब्त

अलवर टैक्सी ऑपरेटर यूनियन अध्यक्ष सुरेश चौधरी ने बताया, "कोरोना के चलते टैक्सियां बंद पड़ी है. अन्य काम-धंधे भी बंद पड़े हैं, लेकिन फाइनेंसरों की ओर से रोजाना फोन करके किस्त जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है. जब टैक्सियां ही बंद है तो किस्त कहां से जमा कराएं. हालात इतने खराब हैं कि दो वक्त की रोटी के लिए भी सोचना पड़ रहा है. इसके अलावा घर के अन्य खर्चा अलग हैं.''

सुरेश चौधरी ने बताया, "दिल्ली सरकार की ओर से टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालक वर्ग को 5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है. हमारा भी सरकार से अनुरोध है कि संकट के समय में कुछ आर्थिक सहायता का पैकेज दिया जाए, जिससे लोगों की स्थितियों में थोड़ा सुधार आए.''

Last Updated : Jun 3, 2021, 9:03 PM IST
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