अलवर. केंद्र सरकार की तरफ से लगातार सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा है. रेलवे स्टेशन और ट्रेनों को बेचा जा रहा है तो वहीं रेलवे कर्मचारी लगातार इस निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. सरकार की तरफ से जयपुर हवाई अड्डा निजी कंपनियों को बेचा गया. इसे लेकर सभी हवाई अड्डों पर काम करने वाले कर्मचारी लंच के समय निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. फिलहाल, कांग्रेस की तरफ से सरकार को घेरने का प्रयास किया जा रहा है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार ट्रेन, रेलवे और हवाई अड्डे बेच रही है. इतना ही नहीं एलआईसी और भारत की नवरत्न कंपनी कहे जाने वाली भारत पेट्रोलियम को भी बेचने की तैयारी चल रही है. भारत पेट्रोलियम को खुद केंद्र सरकार ने नवरत्न का खिताब दिया था. यह हर साल 26 करोड़ से ज्यादा का टैक्स सरकार को देती है. इसके अलावा बीसीसीएच के 15 हजार से ज्यादा देश में पेट्रोल पंप है और गैस एजेंसियां हैं. इस कंपनी की तीन रिफाइनरी है. इसके अलावा लगातार कंपनी की तरफ से विस्तार किया जा रहा है. दरअसल, साल 1976 के युद्ध के दौरान निजी कंपनी द्वारा सेना को पेट्रोल-डीजल देने में देरी की गई, जिसके बाद निजीकरण प्रक्रिया समाप्त करते हुए राष्ट्रीय कंपनी का गठन किया गया था.
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह सरकार कौन होती है किसी कंपनी को 90 साल और 50 साल के लिए लीज पर देने वाली. जयपुर हवाई अड्डे पर 3 हजार करोड़ का काम करवाने के बाद अडानी ग्रुप को दिया गया. इसके अलावा लाइफलाइन जैसी एलआईसी कंपनी को निजी हाथों में दिया जा रहा है, जो अभी तक देश के लिए फायदेमंद साबित हुई है. ऐसे में साफ है कि विदेशी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से यह कदम उठाए गए हैं.
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उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसलों से देश का एक एसर्ट निजी हाथों में जाता है तो वहीं रोजगार भी कम होते हैं. रेलवे में 15 लाख कर्मचारी हैं और डेढ़ लाख पद अभी रिक्त है. वहीं डेढ़ लाख कर्मचारियों को निकालने की तैयारी चल रही है. देश में लगातार रेल कर्मचारी 'देश बचाओ रेल बचाओ' आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन इन बातों को सरकार देश में नहीं लाना चाहती है. कांग्रेस की तरफ से लगातार इन मुद्दों को रखा गया. देश में नोटबंदी और जीएसटी के समय राहुल गांधी की तरफ से देश को आगाह किया गया है. उसका परिणाम आज सामने है. लगातार सरकार के इन फैसलों से देश को बड़ा नुकसान पहुंचा है.