अलवर. जिले में राहुल शर्मा की मौत के मामले में सामाजिक संस्थाएं पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और मृतक की पत्नी को नौकरी देने की मांग कर रही हैं. साथ ही इस मामले में दोषी कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है. सामाजिक संस्थाओं की तरफ से बड़ी संख्या में जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए जा रहे हैं. वहीं, अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की जिस एंबुलेंस से राहुल को जयपुर रेफर किया गया, उस एंबुलेंस की तकनीकी टीम ने जांच की.
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बता दें कि अलवर की 200 फीट रोड स्थित एक सोसायटी में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर राहुल शर्मा की अलवर से जयपुर जाते समय एंबुलेंस में ऑक्सीजन समाप्त होने के कारण दौसा के पास मौत हो गई थी. राहुल कोरोना संक्रमित थे. अलवर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. मृतक के परिजनों ने सरकारी सिस्टम सरकारी अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
परिजनों का कहना है कि राहुल की मौत नहीं हुई है, बल्कि ये हत्या है. ऐसे में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए. ऐसे में मामले की गंभीरता के मद्देनजर जिला कलेक्टर ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए.
वहीं, इस मामले में भाजपा ने जिला प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है. अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने कहा कि अगर प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जाता तो एक सप्ताह बाद भाजपा विरोध दर्ज कराएगी. भाजपा और सामाजिक संस्थाएं मृतक परिवार को 20 लाख की आर्थिक सहायता, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और इस मामले में दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग कर रही हैं. इस संबंध में पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल, सांसद बाबा बालक नाथ, शहर विधायक संजय शर्मा, पूर्व विधायक किशनगढ़ बास रामहित यादव सहित भाजपा के कई विधायक जिला कलेक्टर को ज्ञापन दे चुके हैं.