अलवर. देश में श्रमिक परेशान है. तो अलवर में सामाजिक संस्थाएं आगे आकर श्रमिक और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं. ट्रेन से घर लौट रहे श्रमिकों को लोगों ने खाना, पहनने के लिए चप्पल अन्य जरूरी सामान दिए. तो अलवर में सामाजिक संस्थाएं आगे आकर मदद कर रही हैं.
अलवर में तीसरे दौर का लॉकडाउन चल रहा है. लॉकडाउन के दौरान अलवर में प्रतिदिन 60 से 70 हजार पैकेट सामाजिक संस्थाओं की ओर से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाए गए. अलवर में सैकड़ों संस्थाएं आगे आई. गांव स्तर ब्लॉक स्तर सभी शहर और कस्बों में गरीब और जरूरतमंद को राशन किट खाने के पैकेट दिए गए. अभी तक यह प्रक्रिया जारी है. इसके अलावा प्रदेश सरकार की तरफ से श्रमिकों को ट्रेन की मदद से उनके घर भेजा जा रहा है.
इस दौरान अलवर जंक्शन पर सामाजिक संस्थाएं पहुंचकर श्रमिकों की मदद कर रही हैं. श्रमिकों को खाने के पैकेट, पानी की बोतल, मास्क, सैनिटाइजर, बिना चप्पल के चलने वाले लोगों को चप्पल अन्य सामान भी दी जा रहे हैं.
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इसके अलावा स्काउट गाइड और बड़ी संख्या में युवा आगे आकर पुलिसकर्मियों और प्रशासन की मदद कर रहे है. इससे प्रशासन का काम आसान हुआ है. तो वहीं श्रमिकों को भी राहत मिली है. अलवर जिले में लाखों श्रमिक रहते हैं. प्रशासन की तरफ से सभी श्रमिकों को बस व ट्रेन की मदद से उनके घर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. अलवर में ये पूरी व्यवस्था एक सिस्टम से चल रही है. कई बार प्रशासन भी सामाजिक संस्थाओं की तारीफ कर चुके हैं. बीते दिनों प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने भी कहा था कि अगर अलवर में सामाजिक संस्थाएं नहीं होती तो प्रशासन की परेशानी बढ़ सकती थी.