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40 डिग्री तापमान और जलते कंडों के बीच में बैठकर तपस्या कर रहा साधु...जाने क्यों - कोरोना रोकने के लिए तपस्या

अलवर में कोरोना का प्रभाव खत्म करने के लिए एक भर्तहरि धाम में एक साधु 4 माह से लगातार 24 घंटे तपस्या कर रहा है. 40 डिग्री तापमान में जलते हुए कंडों के बीच उनकी तपस्या चल रही है.

अलवर में तपस्या करते साधु, Sadhus doing penance in Alwar
कोरोना के खात्मे के लिए तपस्या करते साधु
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Published : Jun 11, 2021, 1:12 PM IST

अलवर. देश में कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव अब कम होने लगा है. डॉक्टर और नर्सिंग कर्मी लोगों का इलाज करने में लगे हैं. पुलिसकर्मी सड़क पर ड्यूटी कर रहे हैं. प्रशासन हालात कंट्रोल करने का प्रयास कर रहा है. समाज के जिम्मेदार लोग अपनी भूमिका निभा रहे हैं. इन सबके बीच अलवर में एक व्यक्ति ऐसा भी है जो कोरोना का प्रभाव समाप्त हो और लोग स्वस्थ रहें इसके लिए 4 माह से लगातार 24 घंटे तपस्या कर रहा है. 40 डिग्री तापमान में जलते हुए कंडों के बीच उनकी तपस्या चल रही है.

पढ़ेंः Video Viral होने के बाद ACB के रडार पर निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर का पति राजाराम गुर्जर

सनातन धर्म को मानने वाले भारत देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लाखों लोगों की जान गई. लोग बेरोजगार हुए और लोगों के व्यापार-धंधे भी ठप हो गए. जब कोई रास्ता नजर नहीं आया. तो लोगों ने भगवान की शरण ली. ऐसा ही एक मामला देवभूमि अलवर में सामने आया है.

कोरोना के खात्मे के लिए तपस्या करते साधु

अलवर के भर्तहरि धाम में बाबा गोपाल दास फरवरी माह से लगातार जलते हुए खंडों के बीच बैठकर तपस्या कर रहे हैं. अलवर में इस समय दिन का तापमान 42 डिग्री से अधिक रहता है. आसमान से आग बरस रही है. ऐसे में जलते हुए कंडों के बीच बैठकर बाबा गोपाल दास का तपस्या करना बड़े चमत्कार से कम नहीं है.

पढ़ेंः सौम्या गुर्जर का मामला अभी शांत नहीं हुआ कि पति ने कर ली 20 करोड़ की डील...Video Viral

भर्तहरि धाम पर काम करने वाले लोगों ने बताया कि फरवरी में बाबा गोपाल दास ने कोरोना का प्रभाव कम हो व लोग स्वस्थ रहें. देश पर किसी भी तरह का संकट ना आए. इसके लिए लगातार तपस्या कर रहे हैं. सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक लगातार 8 घंटे तक तपस्या करते हैं. उसके बाद शाम को केवल फल खाते हैं. लोगों ने कहा कि 20 जून को उनकी तपस्या पूरी होने वाली है. इस चिलचिलाती गर्मी में जहां लोग दिन भर अपने घरों में एसी में बंद है. उसके बीच भर्तहरि में यह तपस्वी लगातार देश हित में तपस्या कर रहा है.

चर्चा का विषय बने हुए हैं तपस्वी

आसपास क्षेत्र में बाबा गोपाल दास चर्चा का विषय बने हुए हैं दूर-दूर से भर्तहरि धाम आने वाले लोग बाबा गोपाल दास के दर्शन के लिए भी आ रहे हैं अपनी तपस्या के दौरान वह किसी से नहीं मिलते उसके बाद लोगों से बात करते हैं.

खास स्थान रखता है भर्तहरि धाम

उज्जैन के महाराज ने अलवर आकर सरिस्का के जंगलों में तपस्या की और अलवर में समाधि ली. सरिस्का के जंगलों में 100 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर और ऐसे स्थान है. जहां लगातार साधु महात्मा रात-दिन तपस्या करते हैं. कुछ जगह लोगों की जानकारी में हैं. तो कुछ ऐसी जगह हैं जहां लोगों की आवाजाही नहीं है.

अलवर. देश में कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव अब कम होने लगा है. डॉक्टर और नर्सिंग कर्मी लोगों का इलाज करने में लगे हैं. पुलिसकर्मी सड़क पर ड्यूटी कर रहे हैं. प्रशासन हालात कंट्रोल करने का प्रयास कर रहा है. समाज के जिम्मेदार लोग अपनी भूमिका निभा रहे हैं. इन सबके बीच अलवर में एक व्यक्ति ऐसा भी है जो कोरोना का प्रभाव समाप्त हो और लोग स्वस्थ रहें इसके लिए 4 माह से लगातार 24 घंटे तपस्या कर रहा है. 40 डिग्री तापमान में जलते हुए कंडों के बीच उनकी तपस्या चल रही है.

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सनातन धर्म को मानने वाले भारत देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लाखों लोगों की जान गई. लोग बेरोजगार हुए और लोगों के व्यापार-धंधे भी ठप हो गए. जब कोई रास्ता नजर नहीं आया. तो लोगों ने भगवान की शरण ली. ऐसा ही एक मामला देवभूमि अलवर में सामने आया है.

कोरोना के खात्मे के लिए तपस्या करते साधु

अलवर के भर्तहरि धाम में बाबा गोपाल दास फरवरी माह से लगातार जलते हुए खंडों के बीच बैठकर तपस्या कर रहे हैं. अलवर में इस समय दिन का तापमान 42 डिग्री से अधिक रहता है. आसमान से आग बरस रही है. ऐसे में जलते हुए कंडों के बीच बैठकर बाबा गोपाल दास का तपस्या करना बड़े चमत्कार से कम नहीं है.

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भर्तहरि धाम पर काम करने वाले लोगों ने बताया कि फरवरी में बाबा गोपाल दास ने कोरोना का प्रभाव कम हो व लोग स्वस्थ रहें. देश पर किसी भी तरह का संकट ना आए. इसके लिए लगातार तपस्या कर रहे हैं. सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक लगातार 8 घंटे तक तपस्या करते हैं. उसके बाद शाम को केवल फल खाते हैं. लोगों ने कहा कि 20 जून को उनकी तपस्या पूरी होने वाली है. इस चिलचिलाती गर्मी में जहां लोग दिन भर अपने घरों में एसी में बंद है. उसके बीच भर्तहरि में यह तपस्वी लगातार देश हित में तपस्या कर रहा है.

चर्चा का विषय बने हुए हैं तपस्वी

आसपास क्षेत्र में बाबा गोपाल दास चर्चा का विषय बने हुए हैं दूर-दूर से भर्तहरि धाम आने वाले लोग बाबा गोपाल दास के दर्शन के लिए भी आ रहे हैं अपनी तपस्या के दौरान वह किसी से नहीं मिलते उसके बाद लोगों से बात करते हैं.

खास स्थान रखता है भर्तहरि धाम

उज्जैन के महाराज ने अलवर आकर सरिस्का के जंगलों में तपस्या की और अलवर में समाधि ली. सरिस्का के जंगलों में 100 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर और ऐसे स्थान है. जहां लगातार साधु महात्मा रात-दिन तपस्या करते हैं. कुछ जगह लोगों की जानकारी में हैं. तो कुछ ऐसी जगह हैं जहां लोगों की आवाजाही नहीं है.

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