मुण्डावर (अलवर). ग्राम पंचायतों की आर्थिक स्थिति पहले ही कमजोर है. विकास के नाम पर खुद के पास आय के स्त्रोत नहीं है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने केंद्र से मिलने वाली राशि को पीडी खाते में जमा कराने के आदेश दिए हैं. प्रदेश सरपंच संघ के आह्वान पर मुण्डावर सरपंच संघ अध्यक्ष दलीप यादव के नेतृत्व में सोमवार को विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री के नाम विकास अधिकारी हेमंत चांदोलिया को ज्ञापन सौंपा गया. इसके साथ ही सरकार के आदेशों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
सरपंच संघ के अध्यक्ष दलीप यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार और वित्त विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों के खाते में जमा होने वाली राशि को पीडी खाते में जमा किए जाने पर कई विसंगतियां पैदा हो जाएगी. राज्य सरकार के आदेशों के विरोध में सम्पूर्ण प्रदेश के सरपंच संघ विरोधस्वरूप विकास अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप रहे हैं.
इसके साथ ही 13 जनवरी को प्रदेश के संपूर्ण 33 जिलों के जिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे और प्रदर्शन किए जाएंगे और 21 जनवरी को सभी ग्राम पंचायतों में सांकेतिक तालाबंदी और प्रदर्शन होगा. 30 जनवरी को जयपुर में राजस्थान सरपंच संघ की ओर से बैठक कर आंदोलन की रणनीति पर विचार कर आगामी निर्णय किया जाएगा.
सरपंच को पीईओ की कमेटी का अध्यक्ष बनाना अपमानजनक
सरपंच संघ के अनुसार वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में पिछले दो साल से पंचायती राज संस्थाओं के प्रशासनिक और वित्तीय हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है. एक तरफ पंचायत चुनाव और कोविड 19 संक्रमण के दौरान पंचायतों की स्थिति दयनीय हो गई है. वहीं, दूसरी तरफ पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय हालत बहुत नाजुक है. सरपंचों का कहना है कि ग्राम पंचायतों में सभी कमेटियों का अध्यक्ष सरपंच को बनाया जाता है, लेकिन सरकार पीईओ को कमेटी का अध्यक्ष बनाकर उन्हें कमजोर कर रही है.
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पंचायतीराज संस्थाओं के अधिकार का हनन
पंचायतराज संस्थाओं के वित्तीय बजट को लेकर राज्य सरकार के नवीन आदेश के खिलाफ पंचायत समिति मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा. मुण्डावर सरपंच संघ ने पंचायतीराज संस्थाओं के अधिकार का हनन बताया है.
पहले भी हो चुका है विरोध
जानकारों के मुताबिक दो साल पहले से राज्य सरकार ने पंचायतराज संस्थाओं को राज्य वित्त आयोग की राशि हस्तांतरित नहीं कर रही. अब केंद्र से प्राप्त राशि को भी राज्य सरकार पीडी खाते में जमा कराना चाह रही है. सरकार के इस निर्णय से गांवों का विकास अवरुद्ध होगा. पहले भी राज्य सरकार ने ऐसा ही आदेश जारी किया था, जिसका संपूर्ण प्रदेश में विरोध हुआ. इसको देखते हुए तत्कालीन पंचायतीराज मंत्री को आदेश रुकवाना पड़ा था.