अलवर. भाजपा से निष्कासित होने के बाद पहली बार अलवर पहुंचे रोहिताश शर्मा ने कहा कि मुझे षड्यंत्र करके पार्टी से निकाला गया है. उन्होंने कहा कि मैंने अलवर में वसुंधरा रसोई शुरू की यह प्रदेश अध्यक्ष को हजम नहीं हुआ. क्योंकि वह खुद को प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री मान चुके हैं. इसलिए उन्होंने मेरे खिलाफ साजिश की.
मंगलवार को अलवर पहुंचे रोहिताश शर्मा ने सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि मैंने प्रवक्ता के जवाब में एक गोधरा कांड का उदाहरण दिया जिसका वीडियो पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने गलत तरह से रखा गया. शर्मा ने कहा कि मुझे षड्यंत्र के तहत पार्टी से निकाला गया है लेकिन मैं पार्टी में हमेशा रहूंगा. वसुंधरा मंच के साथ मिलकर काम करूंगा. जनता के बीच आऊंगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष में शायद अनुभव की कमी है. उनको नहीं पता की प्रदेश अध्यक्ष बनने वाला व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बनता है. यह जनाधार के नेता नहीं है. इनको प्रदेश में कोई नहीं जानता है.
अलवर दौरे के दौरान उन्होंने अपने बारे में पूरी जानकारी कार्यकर्ताओं को दी. हनुमान चालीसा जैसा एक पूरी रिकॉर्डिंग चलाई गई, ऐसे में साफ है कि उनको कोई नहीं जानता है. साथ ही उन्होंने अपने पार्टी के कार्यक्रम को एक शक्ति प्रदर्शन के रूप में बना दिया. थानागाजी में उन्होंने पार्टी के नेताओं से शक्ति प्रदर्शन करने के लिए कहा जो पूरी तरह से गलत है.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में सभी को समान अधिकार है. इसलिए पार्टी के वर्चुअल मीटिंग में कोरोना के दौरान कार्यकर्ताओं को हुई परेशानी को पार्टी के वर्चुअल मीटिंग में रखा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अलवर में न तो कोई मंत्री आया न ही प्रदेश अध्यक्ष आए और पार्टी के कार्यकर्ता अकेले रहे.
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इस दौरान सरकार के अधिकारी कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मनमानी चली. लोगों को बेड, दावा व अन्य जरूरी चीजों के लिए परेशाना पड़ा. यह भी बताया कि प्रदेश अध्यक्ष अभी तक एक बार भी अलवर नहीं आए हैं. इसके बाद पार्टी आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष से उनके कार्यक्रम की जानकारी मांगी. बस इसी का बदला लेने के लिए प्रदेश अध्यक्ष ने षड्यंत्र रचा.
रोहिताश शर्मा ने कहा कि अगर प्रदेश में गहलोत मुख्यमंत्री नहीं होते तो कांग्रेस की सरकार कब की गिर जाती. क्योंकि गहलोत का सभी पार्टियों के नेताओं से अच्छा संबंध है व उनको सभी लोग पसंद करते हैं. रोहिताश शर्मा की बयानबाजी के चलते लगातार भाजपा में चर्चाओं का दौर बना हुआ है. रोहिताश शर्मा नेताओं के खिलाफ कई खुलासे कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वो किसी से नहीं डरते हैं. उन्होंने कहा कि किसी को सजा देने से पहले एक बार उसको सुना जाता है. उसकी परेशानी सुनी जाती है. वह अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया. शर्मा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष शायद खुद को भावी मुख्यमंत्री समझने लगे हैं.