अलवर. जिले में हजारों की संख्या में औद्योगिक इकाइयां हैं. छोटे दुकानदार हों या बड़े कारोबारी जो भी सामान तैयार कर या खरीद कर बेचते हैं. उनको सेल टैक्स विभाग को टैक्स देना पड़ता है. समय पर टैक्स नहीं देने वालों के खिलाफ विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाती है. लेकिन अब ऐसे लोगों के खिलाफ विभाग सख्त हो रहा है. टैक्स न देने वाले काफी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया है. इतना ही नहीं, विभाग की तरफ से आगे की कार्रवाई भी की जा रही है.
अलवर को राजस्थान की औद्योगिक राजधानी कहा जाता है. जिले के सेल टैक्स विभाग में 35 हजार डीलर रजिस्टर्ड हैं. इसमें 20 हजार छोटे व्यापारी व दुकानदार हैं जिनकी आय डेढ़ करोड़ से कम है. 200 से 300 मल्टीनेशनल कंपनियां हैं जबकि 700 बड़े कारोबारी हैं. इसके अलावा अन्य उद्योगपति व्यापारी सेल टैक्स विभाग व सरकार को हर माह सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपए का टैक्स देते हैं.
लेकिन कुछ व्यापारी ऐसे हैं जो समय पर विभाग व सरकार को टैक्स नहीं देते हैं और अब विभाग उनके खिलाफ सख्त हो गया है. सेल टैक्स विभाग ने 6 माह से टैक्स जमा नहीं करने वाले व्यापारियों को विभाग की तरफ से नोटिस दिए गए. उसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाने पर ऐसे तीन हजार डीलरों का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया है. ऐसे में यह व्यापारी सामान नहीं बेच सकते हैं. वे जीएसटी का रिटर्न भी नहीं ले सकते हैं.
इस दौरान अगर किसी व्यापारी की ओर से टैक्स में छेड़छाड़ की जाती है तो उसकी सूचना तुरंत सेल टैक्स विभाग को मिलेगी. विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लंबे समय से टैक्स चोरी की शिकायतें मिल रहीं थीं. वहीं कुछ व्यापारी समय पर टैक्स भी जमा नहीं कर रहे थे. ऐसे में अलवर जिले के 3000 डीलरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. साथ ही 6 माह से ज्यादा रिटर्न फाइल नहीं करने वाले व्यापारियों को चिन्हित करने का काम भी विभाग की तरफ से किया जा रहा है.
सेल टैक्स विभाग के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा टैक्स अलवर से मिलता है. अलवर में हजारों की संख्या में औद्योगिक इकाई हैं. इन इकाइयों से हर माह डेढ़ सौ करोड़ का टैक्स सरकार के खाते में पहुंचता है. विभाग के अधिकारियों ने कहा वैसे तो समय-समय पर टैक्स जमा नहीं करने वाले व्यापारी व कारोबारियों को नोटिस दिया जाता है. अभी भी बड़ी संख्या में व्यापारियों को नोटिस दिए गए हैं.