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Rath Yatra In Alwar: विवाह के बाद माता जानकी और सालक राम के साथ मंदिर में लौटे भगवान जगन्नाथ

अलवर में रूपबास में तीन दिनों तक भरे मेले में भगवान जगन्नाथ और माता जानकी के विवाह कार्यक्रम के उपलक्ष्य में रथ यात्रा निकाली गई. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ और माता जानकी के दर्शन के लिए पहुंचे.

Rath Yatra In Alwar
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Published : Jul 13, 2022, 10:45 AM IST

अलवर. जिले के रूपबास में तीन दिनों तक भरे मेले में भगवान जगन्नाथ और माता जानकी के विवाह कार्यक्रम के उपलक्ष्य में रथ यात्रा निकाली गई. विवाह के बाद लाखों लोगों ने उनके दर्शन किए. मंगलवार को भगवान जगन्नाथ, माता जानकी और सालक राम के साथ वापस कटरा स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे. रास्ते में जगह-जगह उनका स्वागत और मंदिरों में आरती की गई. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए. रथ यात्रा में बैंड, प्याऊ, झांकी सहित कई आकर्षण के केंद्र थे. पुलिस ने भगवान जगन्नाथ और जानकी जी को गार्ड ऑफ ऑनर का (Rath Yatra on lord Jagannath Marriage) अवार्ड भी दिया.

अलवर में चल रहा भगवान जगन्नाथ का मेला मंगलवार को समाप्त हो गया. मंगलवार को भगवान जगन्नाथ विवाह के बाद माता जानकी और सालक राम के साथ वापस जगन्नाथ मंदिर पहुंचे. रास्ते में सभी मंदिरों में उनकी आरती हुई. शाम करीब 6 बजे शुरू हुई रथ यात्रा बुधवार सुबह 4 बजे समाप्त हुई. बुधवार को जगन्नाथ मंदिर में प्रसाद वितरण सहित कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. मंदिर के महंत ने बताया कि 15 दिनों तक जगन्नाथ विवाह महोत्सव चला. इस बीच लोगों में खासा जोश देखने (Rath Yatra In Alwar ) को मिला.

विवाह के बाद माता जानकी जी व सालक राम के साथ मंदिर में लौटे भगवान जगन्नाथ

पढ़ें. भगवान जगन्नाथ ने माता जानकी जी के साथ लिए सात फेरे, हजारों लोगों ने किया कन्यादान

महंत ने बताया कि अलवर के अलावा आसपास के राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ और माता जानकी जी के दर्शन के लिए पहुंचे. मेले में बच्चों के लिए झूले, खाद्य- सामग्री स्टॉल, खिलौनों की दुकान, घरेलू सामान सहित कई मनोरंजन के साधन थे. यह मेला तीन दिनों तक चला. मेले के बाद मंगलवार को भगवान जगन्नाथ अपने परिवार के साथ वापस मंदिर पहुंचे. लौटते समय रथ यात्रा में ऊंट, घोड़े, झांकी, बैंड, प्याऊ, पुलिस बैंड सहित कई कार्यक्रम पेश हुए. इस बीच लोगों ने जमकर डांस भी किया.

अलवर में जगन्नाथ मेला सबसे बड़ा कार्यक्रम है. गणेश पूजन के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत होती है. जब भगवान जगन्नाथ रथ में विराजमान हुए, तो अलवर पुलिस की तरफ से उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. रथ यात्रा में कोई घटना ना हो, ऐसे में भारी पुलिस बल पूरी यात्रा के दौरान तैनात रहा. हालंकि मेला शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. मेले में पर्यटन विभाग की ओर से संस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए. शहर के स्थानीय कलाकारों ने तीन दिनों तक अलग-अलग कार्यक्रम पेश किए, जिसमें लोक गीतों के साथ घोड़ी नृत्य भी पेश किया गया.

भगवान शिव की झांकी को लोगों ने किया पसंद: रथ यात्रा में भगवान शिव की झांकी को लोगों ने काफी पसंद किया. झांकी में भगवान शिव के भक्त भूत प्रेत के भेष में नृत्य करते हुए दिखे. जिसे लोगों ने काफी पसंद किया.

शहर में जगह-जगह हुए कार्यक्रम: रथ यात्रा के मार्ग में जगह-जगह पर शहर वासियों की तरफ से कई कार्यक्रम किए गए. सड़क के दोनों तरफ प्याऊ लगाए गए. साथ ही खाद्य सामग्री भी वितरित की गई. शहर वासियों ने इस कार्यक्रम का जमकर आनंद लिया. यह कार्यक्रम सभी सामाजिक संस्थाओं और समाजों की तरफ से आयोजित (Lord Jagannath and Janki Ji Rath Yatra) किए गए.

अलवर. जिले के रूपबास में तीन दिनों तक भरे मेले में भगवान जगन्नाथ और माता जानकी के विवाह कार्यक्रम के उपलक्ष्य में रथ यात्रा निकाली गई. विवाह के बाद लाखों लोगों ने उनके दर्शन किए. मंगलवार को भगवान जगन्नाथ, माता जानकी और सालक राम के साथ वापस कटरा स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे. रास्ते में जगह-जगह उनका स्वागत और मंदिरों में आरती की गई. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए. रथ यात्रा में बैंड, प्याऊ, झांकी सहित कई आकर्षण के केंद्र थे. पुलिस ने भगवान जगन्नाथ और जानकी जी को गार्ड ऑफ ऑनर का (Rath Yatra on lord Jagannath Marriage) अवार्ड भी दिया.

अलवर में चल रहा भगवान जगन्नाथ का मेला मंगलवार को समाप्त हो गया. मंगलवार को भगवान जगन्नाथ विवाह के बाद माता जानकी और सालक राम के साथ वापस जगन्नाथ मंदिर पहुंचे. रास्ते में सभी मंदिरों में उनकी आरती हुई. शाम करीब 6 बजे शुरू हुई रथ यात्रा बुधवार सुबह 4 बजे समाप्त हुई. बुधवार को जगन्नाथ मंदिर में प्रसाद वितरण सहित कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. मंदिर के महंत ने बताया कि 15 दिनों तक जगन्नाथ विवाह महोत्सव चला. इस बीच लोगों में खासा जोश देखने (Rath Yatra In Alwar ) को मिला.

विवाह के बाद माता जानकी जी व सालक राम के साथ मंदिर में लौटे भगवान जगन्नाथ

पढ़ें. भगवान जगन्नाथ ने माता जानकी जी के साथ लिए सात फेरे, हजारों लोगों ने किया कन्यादान

महंत ने बताया कि अलवर के अलावा आसपास के राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ और माता जानकी जी के दर्शन के लिए पहुंचे. मेले में बच्चों के लिए झूले, खाद्य- सामग्री स्टॉल, खिलौनों की दुकान, घरेलू सामान सहित कई मनोरंजन के साधन थे. यह मेला तीन दिनों तक चला. मेले के बाद मंगलवार को भगवान जगन्नाथ अपने परिवार के साथ वापस मंदिर पहुंचे. लौटते समय रथ यात्रा में ऊंट, घोड़े, झांकी, बैंड, प्याऊ, पुलिस बैंड सहित कई कार्यक्रम पेश हुए. इस बीच लोगों ने जमकर डांस भी किया.

अलवर में जगन्नाथ मेला सबसे बड़ा कार्यक्रम है. गणेश पूजन के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत होती है. जब भगवान जगन्नाथ रथ में विराजमान हुए, तो अलवर पुलिस की तरफ से उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. रथ यात्रा में कोई घटना ना हो, ऐसे में भारी पुलिस बल पूरी यात्रा के दौरान तैनात रहा. हालंकि मेला शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. मेले में पर्यटन विभाग की ओर से संस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए. शहर के स्थानीय कलाकारों ने तीन दिनों तक अलग-अलग कार्यक्रम पेश किए, जिसमें लोक गीतों के साथ घोड़ी नृत्य भी पेश किया गया.

भगवान शिव की झांकी को लोगों ने किया पसंद: रथ यात्रा में भगवान शिव की झांकी को लोगों ने काफी पसंद किया. झांकी में भगवान शिव के भक्त भूत प्रेत के भेष में नृत्य करते हुए दिखे. जिसे लोगों ने काफी पसंद किया.

शहर में जगह-जगह हुए कार्यक्रम: रथ यात्रा के मार्ग में जगह-जगह पर शहर वासियों की तरफ से कई कार्यक्रम किए गए. सड़क के दोनों तरफ प्याऊ लगाए गए. साथ ही खाद्य सामग्री भी वितरित की गई. शहर वासियों ने इस कार्यक्रम का जमकर आनंद लिया. यह कार्यक्रम सभी सामाजिक संस्थाओं और समाजों की तरफ से आयोजित (Lord Jagannath and Janki Ji Rath Yatra) किए गए.

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