अलवर. सरकार ने अलवर समेत एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन पर रोक लगाने का फैसला किया है. ऐसे वाहन अब सड़क पर नहीं चल सकेंगे. सरकार ने एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए यह निर्णय लिया है. प्रदूषण को कम करने के लिए प्रदूषण विभाग, पुलिस, रीको, परिवहन विभाग सहित अन्य सरकारी विभाग मिलकर काम करेंगे. प्रदूषण विभाग ने सभी सरकारी विभागों और निजी संस्थाओं को एक नोटिस जारी किया है, जिसके तहत प्रदूषण कम करने के लिए कम वाहन काम में लेने सहित कई गाइडलाइन जारी की गई है. इसके तहत अब 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन सड़क पर नहीं चल सकेंगे. देखें ये खास रिपोर्ट...
अलवर एनसीआर का हिस्सा है. अलवर का भिवाड़ी देश और दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुका है. भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर 300 से 400 एक्यूआई रहता है, जबकि अलवर में प्रदूषण का असर 200 से 300 एक्यूआई रहता है. एनसीआर के एरिया में बिगड़ते प्रदूषण के हालात को देखते हुए अब पुलिस, प्रदूषण विभाग, रीको, परिवहन विभाग व प्रशासन मिलकर काम करेंगे.
वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा रद्द...
अलवर की सड़कों पर चलने वाले 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को बंद किया जाएगा. सड़क पर चलने वाले ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, जुर्माने की प्रक्रिया भी की जाएगी. परिवहन विभाग की तरफ से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को नोटिस जारी करते हुए उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने का फैसला लिया है.
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अन्य शहरों में करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन...
पुलिस के आला अधिकारियों की माने तो सड़क पर अब पुराने वाहन नहीं चल सकेंगे. हालांकि, ऐसे में लोग अन्य शहरों में वाहनों का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. बता दें कि अलवर में 10 साल पुराने डीजल के करीब 8 हजार व पेट्रोल के 22 हजार वाहन हैं. प्रदूषण विभाग की तरफ से प्रदूषण ना फैलाने सहित कई नई गाइडलाइन जारी की गई है. इसके तहत प्रदूषण विभाग ने मॉनिटरिंग भी शुरू कर दी है.
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वाहनों की जांच पड़ताल...
पुलिस की तरफ से सभी शहर के प्रमुख चौराहों व सड़क मार्गों पर लगातार वाहनों की जांच पड़ताल की जा रही है. इसके तहत लोगों को समझाइश करने का काम चल रहा है. साथ ही ,जुर्माने की प्रक्रिया भी चल रही है.
औद्योगिक राजधानी है अलवर...
अलवर राजस्थान की औद्योगिक राजधानी है. अलवर के 25 औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 15,000 औद्योगिक इकाइयां है, जिसमें स्टील, मार्बल, ऑटोमोबाइल, सीमेंट, फूड सहित सभी तरह की औद्योगिक इकाइयां है. इनमें से कुछ औद्योगिक इकाइयां प्रदूषण फैलाती है. केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से अलवर के भिवाड़ी में बीते साल 5 औद्योगिक इकाइयों को सील किया गया था. अलवर एनसीआर का हिस्सा है. इसलिए एनजीटी व केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की सीधी नजर अलवर पर रहती है.
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ईट भट्टा व खनन से होता है प्रदूषण...
अलवर में करीब 56 ईट भट्टे हैं. सभी ईट भट्टों को जिगजैग तकनीक में कन्वर्ट कर दिया गया है. जो बचे हुए हैं, उनको प्रदूषण विभाग की तरफ से बंद करा दिया गया है. साथ ही, अलवर में क्रशर चलते हैं. अवैध खनन के काम भी होते हैं, जिससे लगातार प्रदूषण फैलता है. इसके अलावा अलवर जिले में बड़ी संख्या में मिल रन यूनिट है, जो प्रदूषण फैलाने का काम करती है. राजगढ़ और अलवर एमआईए सहित विभिन्न जगहों पर मिलन यूनिट चल रही है. कई बार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से उनको नोटिस भी जारी किए गए हैं. सरकार के इस फैसले के बाद सड़कों पर 15 साल और 10 साल पुराने वाहन नहीं चल सकेंगे. इससे हजारों लोगों को बड़ा झटका लगा है.