अलवर. जिले सहित प्रदेश भर में जल्द ही पैरोल पर बंदी छोड़े जा सकते हैं. न्यायालय के आदेश पर जेल मुख्यालय में बंदियों को पैरोल पर छोड़ने की तैयारी चल रही है. इसके तहत अलवर केंद्रीय कारागार में पेरोल पर छोड़े जाने वाले बंदियों की सूची तैयार हो चुकी है लेकिन जेल प्रशासन का कहना है कि अभी तक कोई निर्देश नहीं मिले हैं.
बता दें कि बीते दिनों न्यायालय ने जिलों में बढ़ रही बंदियों की संख्या को देखते हुए बंदियों को पैरोल पर छोड़ने की बात कही थी. जिसके बाद जेल मुख्यालय की तरफ से जिन बंदियों की ज्यादातर सजा पूरी हो चुकी है या जो बंदी आचरण में बेहतर है. इसके अलावा पैरोल पर बंदियों को छोड़े जाने वाले नियमों के हिसाब से जो बंदी उन नियमों पर खरा उतरते हैं, उनकी सूची तैयार की जा रही है. अलवर केंद्रीय कारागार में करीब 200 बंदी की सूची तैयार हुई है. जिसमें 100 बंदी ऐसे हैं, जो पैरोल पर छूटने वाले बंदियों के नियमों पर खरा उतरते हैं. ऐसे में जेल प्रशासन ने कहा कि अभी तक मुख्यालय से कोई निर्देश नहीं मिले हैं. अगर कोई निर्देश मिलते हैं. तो उसके हिसाब से जेल प्रशासन की तरफ से कदम उठाए जाएंगे.
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अलवर केंद्रीय कारागार में करीब 960 बंदी बंद हैं. इनमें महिला बंदी, ट्रांजिट कैंप में बंद विदेशी बंदी, खुली जेलों में बंद बंदी और गंभीर अपराधी शामिल है. कुछ दिन पहले कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए जिन जिलों में बंदियों की संख्या ज्यादा थी. उन जेल से बंदियों को प्रदेश की अन्य जिलों में शिफ्ट किया गया.
इसके तहत जयपुर की केंद्रीय कारागार से करीब 100 बंदी अलवर केंद्रीय कारागार में शिफ्ट किए गए हैं. इसके बाद अलवर केंद्रीय कारागार में बंदियों की संख्या 1 हजार से अधिक पहुंच चुकी है. ऐसे में अगर पैरोल पर बंदियों को छोड़ा जाता है तो बंदियों के साथ जेल प्रशासन को भी राहत मिल सकती है.